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JBT Recruitment Case: जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों से जुड़े मामले में पुनर्विचार याचिका की सुनवाई 1 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट से आ चुका है फैसला - Supreme Court

हिमाचल हाईकोर्ट में 1 सिंतबर को जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों से जुड़े मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होगी. मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal High Court) (JBT Recruitment Case).

JBT Recruitment Case
हिमाचल हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 25, 2023, 12:19 PM IST

शिमला: देशभर में चर्चित जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को अनुमति देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से फैसला आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आने के बाद अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में इसी मामले में लंबित पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होगी. हाईकोर्ट ने ये सुनवाई पहली सितंबर को तय की है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने तय किया है कि पुनर्विचार याचिका पर सितंबर की पहली तारीख को सुनवाई होगी.

उल्लेखनीय है कि इसी महीने 11 तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन (एनसीटीई) की उस अधिसूचना को अवैध करार दिया था, जिसके तहत बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया था. इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने 25 नवंबर 2021 को एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया था. याचिकाकर्ता देवेश शर्मा ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी.

हिमाचल हाईकोर्ट ने भी बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य करने के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद निर्धारित की थी. हिमाचल हाईकोर्ट के समक्ष स्कूल शिक्षा बोर्ड की अधिसूचना को चुनौती दी गई है. इसमें बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया था. 26 नवंबर 2021 को हिमाचल हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई के नियम प्रारंभिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं.

कोर्ट ने आदेश दिए थे कि एनसीटीई की 28 जून 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन किया जाए. हाईकोर्ट के इस फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे. बाद में हाईकोर्ट ने जेबीटी यूनियन की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों से इस फैसले पर रोक लगा दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद पुनर्विचार याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: कंप्यूटर टीचर्स की सीधी भर्ती के लिए 5 साल के अनुभव की शर्त जरूरी, हाई कोर्ट ने सही ठहराया सरकार का नीतिगत फैसला

शिमला: देशभर में चर्चित जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को अनुमति देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से फैसला आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आने के बाद अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में इसी मामले में लंबित पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होगी. हाईकोर्ट ने ये सुनवाई पहली सितंबर को तय की है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने तय किया है कि पुनर्विचार याचिका पर सितंबर की पहली तारीख को सुनवाई होगी.

उल्लेखनीय है कि इसी महीने 11 तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन (एनसीटीई) की उस अधिसूचना को अवैध करार दिया था, जिसके तहत बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया था. इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने 25 नवंबर 2021 को एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया था. याचिकाकर्ता देवेश शर्मा ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी.

हिमाचल हाईकोर्ट ने भी बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य करने के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद निर्धारित की थी. हिमाचल हाईकोर्ट के समक्ष स्कूल शिक्षा बोर्ड की अधिसूचना को चुनौती दी गई है. इसमें बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया था. 26 नवंबर 2021 को हिमाचल हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई के नियम प्रारंभिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं.

कोर्ट ने आदेश दिए थे कि एनसीटीई की 28 जून 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन किया जाए. हाईकोर्ट के इस फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे. बाद में हाईकोर्ट ने जेबीटी यूनियन की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों से इस फैसले पर रोक लगा दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद पुनर्विचार याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा.

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