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Himachal High Court: बिलासपुर में अवैध कत्था भट्टी स्थापित करने का मामला, हाईकोर्ट ने मुख्य अरण्यपाल से तलब की रिपोर्ट

बिलासपुर में कथित रूप से अवैध कत्था भट्टी स्थापित करने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने मामले के अरण्यपाल से ताजा स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal High Court)(Bilaspur illegal katha distillery case)

Himachal High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
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Published : Jul 26, 2023, 6:21 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला बिलासपुर में कथित रूप से अवैध कत्था भट्टी स्थापित करने के मामले में मुख्य अरण्यपाल से ताजा स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद ये आदेश पारित किए. स्टेटस रिपोर्ट तलब करने के बाद अदालत ने आगामी सुनवाई 31 अगस्त को तय की है. मामले के अनुसार देवेंद्र कुमार नामक व्यक्ति ने कथित रूप से बिलासपुर जिला में अवैध कत्था भट्टी लगाई है. बताया जा रहा है कि इस भट्टी के लिए खैर के पेड़ों का अवैध कटान किया जा रहा है.

अदालत में मामला आने पर 28 सितंबर 2021 को राज्य सरकार से जवाब तलब किया गया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से दाखिल किए गए जवाब का अवलोकन किया. अदालत ने पाया कि सरकार की तरफ से दाखिल जवाब से यह साफ नहीं हो रहा है कि देवेंद्र कुमार बिना स्वीकृति के घटिया मशीनों का इस्तेमाल कर रहा है. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि देवेंद्र कुमार ने तीन बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई हैं. इन मशीनों की कार्यक्षमता 1500 किलोग्राम है.

कोर्ट ने अपने आदेशों में राज्य सरकार से ये स्पष्ट करने को कहा था कि जब देवेंद्र कुमार को 250 किलोग्राम की मशीनें इस्तेमाल करने की ही स्वीकृति दी गई थी तो, ऐसी स्थिति में उसकी बड़ी मशीनों को जब्त क्यों नहीं किया गया. इसके अलावा हाईकोर्ट ने पाया कि कत्था भट्टी मालिक को कोल्ड स्टोर बनाने की स्वीकृति दी गई है या नहीं यह भी सरकार के जवाब में स्पष्ट नहीं किया गया है. सरकार ने ये भी साफ नहीं किया है कि देवेंद्र कुमार के पास भट्टी चलाने की अनुमति है या नहीं?

कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि 19 जनवरी 2021 को जो दस्तावेज कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था. उसके मुताबिक मालिक के पास भट्टी चलाने की अस्थाई अनुमति सिर्फ 31 मार्च 2023 तक ही थी. इस पर हाईकोर्ट ने मुख्य अरण्यपाल बिलासपुर को आदेश दिए हैं कि वो इन सभी तथ्यों को नई स्टेटस रिपोर्ट में शामिल कर अदालत के समक्ष पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को निर्धारित की गई है.

ये भी पढ़ें: नियमों के खिलाफ एसीआर लिखने वाले प्रिंसिपल पर होगी कार्रवाई, हिमाचल हाई कोर्ट ने दिए आदेश

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला बिलासपुर में कथित रूप से अवैध कत्था भट्टी स्थापित करने के मामले में मुख्य अरण्यपाल से ताजा स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद ये आदेश पारित किए. स्टेटस रिपोर्ट तलब करने के बाद अदालत ने आगामी सुनवाई 31 अगस्त को तय की है. मामले के अनुसार देवेंद्र कुमार नामक व्यक्ति ने कथित रूप से बिलासपुर जिला में अवैध कत्था भट्टी लगाई है. बताया जा रहा है कि इस भट्टी के लिए खैर के पेड़ों का अवैध कटान किया जा रहा है.

अदालत में मामला आने पर 28 सितंबर 2021 को राज्य सरकार से जवाब तलब किया गया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से दाखिल किए गए जवाब का अवलोकन किया. अदालत ने पाया कि सरकार की तरफ से दाखिल जवाब से यह साफ नहीं हो रहा है कि देवेंद्र कुमार बिना स्वीकृति के घटिया मशीनों का इस्तेमाल कर रहा है. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि देवेंद्र कुमार ने तीन बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई हैं. इन मशीनों की कार्यक्षमता 1500 किलोग्राम है.

कोर्ट ने अपने आदेशों में राज्य सरकार से ये स्पष्ट करने को कहा था कि जब देवेंद्र कुमार को 250 किलोग्राम की मशीनें इस्तेमाल करने की ही स्वीकृति दी गई थी तो, ऐसी स्थिति में उसकी बड़ी मशीनों को जब्त क्यों नहीं किया गया. इसके अलावा हाईकोर्ट ने पाया कि कत्था भट्टी मालिक को कोल्ड स्टोर बनाने की स्वीकृति दी गई है या नहीं यह भी सरकार के जवाब में स्पष्ट नहीं किया गया है. सरकार ने ये भी साफ नहीं किया है कि देवेंद्र कुमार के पास भट्टी चलाने की अनुमति है या नहीं?

कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि 19 जनवरी 2021 को जो दस्तावेज कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था. उसके मुताबिक मालिक के पास भट्टी चलाने की अस्थाई अनुमति सिर्फ 31 मार्च 2023 तक ही थी. इस पर हाईकोर्ट ने मुख्य अरण्यपाल बिलासपुर को आदेश दिए हैं कि वो इन सभी तथ्यों को नई स्टेटस रिपोर्ट में शामिल कर अदालत के समक्ष पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को निर्धारित की गई है.

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