शिमला: हिमाचल हाई कोर्ट ने नगर निगम शिमला को संजौली उपनगर में चिल्ड्रन पार्क के आसपास शौचालय के लिए जगह की तलाश करने के लिए 9 जनवरी तक आखिरी मौका दिया है. मुख्य न्यायाधीश अमजद सईद व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला द्वारा 22 नवंबर को दिए गए आश्वासन के बावजूद शौचालय के लिए उपयुक्त जगह न तलाशने पर यह आदेश पारित किए. उल्लेखनीय है कि संजौली स्थित चिल्ड्रन पार्क के गेट के पास निगम द्वारा बुक कैफे के नाम पर बनाए गए बहुमंजिला भवन को तुरंत गिराने के आदेश पारित किए थे.
कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि चिल्ड्रन पार्क का इस्तेमाल किसी भी सूरत में अन्य कार्य के लिए नहीं किया जा सकता. स्थानीय निवासी पीयूष वोहरा की ओर से दायर आवेदन पर हाई कोर्ट ने यह आदेश पारित किए थे. आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया था कि चिल्ड्रन पार्क का कुल क्षेत्र 179.41 वर्ग मीटर है जिसमें प्रस्तावित सार्वजनिक शौचालय का 16.64 वर्ग मीटर क्षेत्र भी शामिल है. अदालत ने खेद जताया था कि पहले ही आकार में छोटे पार्क को शौचालय बनाकर और छोटा किया जा रहा है.
चिल्ड्रन पार्क में सार्वजनिक शौचालय बनाए जाने के खिलाफ अदालत को 51 स्थानीय लोगों ने भी शिकायती पत्र भेजा था. व्यापार मंडल संजौली की ओर से भी चिल्ड्रन पार्क को खत्म कर शौचालय बनाने पर आपत्ति जताई है. अदालत से शिकायत की गई थी कि नगर निगम चिल्ड्रन पार्क में बुक कैफे और सार्वजनिक शौचालय बनाया जा रहा है. अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम को चिल्ड्रन पार्क में शौचालय न बनाए जाने के आदेश जारी किए थे. नगर निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि चिल्ड्रन पार्क में सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाए जा रहे हैं और शौचालय बनाने के लिए जमीन की तलाश की जा रही है.
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