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कांग्रेस नेता सुरेंद्र भारद्वाज की सिफारिश पर ट्राइबल एरिया में हुई थी ट्रांसफर, हाई कोर्ट ने रद्द किया तबादला आदेश - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र भारद्वाज की सिफारिश पर हुए एक तबादले को रद्द कर दिया है. जानें पूरा मामला... (Himachal High Court News)

Himachal High Court News
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
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Published : Mar 29, 2023, 8:18 PM IST

शिमला: हिमाचल कांग्रेस के सीनियर लीडर सुरेंद्र भारद्वाज की सिफारिश पर लोक निर्माण विभाग में एक इंजीनियर का तबादला दूसरा बार ट्राइबल एरिया के लिए कर दिया गया. इंजीनियर शैलेष कुमार ने इस तबादला आदेश को याचिका के जरिए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता की सिफारिश पर किए गए तबादले को रद्द करने का आदेश सुनाया. लोक निर्माण विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर शैलेष कुमार का तबादला दूसरी बार जनजातीय क्षेत्र में कर दिया गया था. प्रार्थी शैलेष की याचिका पर हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कांग्रेस नेता की सिफारिश पर किए गए तबादले को रद्द कर दिया.

प्रार्थी शैलेष ने याचिका में आरोप लगाया था कि उसका तबादला राजनीतिक हस्तक्षेप पर हुआ है और इस आदेश को रद्द किया जाए. याचिकाकर्ता ने कहा कि कांग्रेस के सीनियर लीडर सुरेंद्र भारद्वाज ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता के रूप में उसका तबादला दूसरी बार जनजातीय क्षेत्र में किए जाने को लेकर सिफारिश की थी. शैलेष कुमार ने आरोप लगाया था कि विभाग ने कांग्रेस नेता की सिफारिश पर बिना सोचे समझे उसका तबादला किया है. याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी ने पूर्व में भी वर्ष 1996 से वर्ष 2008 तक करीब 12 साल जनजातीय क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी थी. स्थानांतरण पॉलिसी के तहत किसी भी कर्मचारी को दोबारा से जनजातीय क्षेत्र में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता.

याचिकाकर्ता के अनुसार वह लोक निर्माण विभाग उपमंडल नकरोड में सहायक अभियंता के पद पर तैनात था. इस स्थान पर अभी याचिकाकर्ता ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया था. इसके बावजूद विभाग ने राजनीतिक सिफारिश पर उसका तबादला किया है. आरोप लगाया गया था कि उसे राजनीतिक द्वेष के कारण स्थानांतरित किया गया है. हालांकि विभाग के पास याचिकाकर्ता को स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेता के निर्देश पर विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी के खिलाफ उसका तबादला किया है. इन तबादला आदेशों में कोई भी जनहित और प्रशासनिक जरूरत नहीं है.

आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता का तबादला प्रताड़ित करने के लिए किया गया है. दलील दी गई कि राजनीतिक द्वेष से किए गए तबादले हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हैं. अदालत ने विभाग द्वारा पेश किये किये गए रिकॉर्ड को देखने के बाद पाया कि प्रार्थी का तबादला राजनीतिक सिफारिश पर हुआ है. अदालत ने कहा कि प्रार्थी का तबादला नियमों के खिलाफ है, अत: इसे रद्द किया जाता है.

Read Also- हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा TEA को मिला GI टैग, खासियतें जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

शिमला: हिमाचल कांग्रेस के सीनियर लीडर सुरेंद्र भारद्वाज की सिफारिश पर लोक निर्माण विभाग में एक इंजीनियर का तबादला दूसरा बार ट्राइबल एरिया के लिए कर दिया गया. इंजीनियर शैलेष कुमार ने इस तबादला आदेश को याचिका के जरिए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता की सिफारिश पर किए गए तबादले को रद्द करने का आदेश सुनाया. लोक निर्माण विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर शैलेष कुमार का तबादला दूसरी बार जनजातीय क्षेत्र में कर दिया गया था. प्रार्थी शैलेष की याचिका पर हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कांग्रेस नेता की सिफारिश पर किए गए तबादले को रद्द कर दिया.

प्रार्थी शैलेष ने याचिका में आरोप लगाया था कि उसका तबादला राजनीतिक हस्तक्षेप पर हुआ है और इस आदेश को रद्द किया जाए. याचिकाकर्ता ने कहा कि कांग्रेस के सीनियर लीडर सुरेंद्र भारद्वाज ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता के रूप में उसका तबादला दूसरी बार जनजातीय क्षेत्र में किए जाने को लेकर सिफारिश की थी. शैलेष कुमार ने आरोप लगाया था कि विभाग ने कांग्रेस नेता की सिफारिश पर बिना सोचे समझे उसका तबादला किया है. याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी ने पूर्व में भी वर्ष 1996 से वर्ष 2008 तक करीब 12 साल जनजातीय क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी थी. स्थानांतरण पॉलिसी के तहत किसी भी कर्मचारी को दोबारा से जनजातीय क्षेत्र में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता.

याचिकाकर्ता के अनुसार वह लोक निर्माण विभाग उपमंडल नकरोड में सहायक अभियंता के पद पर तैनात था. इस स्थान पर अभी याचिकाकर्ता ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया था. इसके बावजूद विभाग ने राजनीतिक सिफारिश पर उसका तबादला किया है. आरोप लगाया गया था कि उसे राजनीतिक द्वेष के कारण स्थानांतरित किया गया है. हालांकि विभाग के पास याचिकाकर्ता को स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेता के निर्देश पर विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी के खिलाफ उसका तबादला किया है. इन तबादला आदेशों में कोई भी जनहित और प्रशासनिक जरूरत नहीं है.

आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता का तबादला प्रताड़ित करने के लिए किया गया है. दलील दी गई कि राजनीतिक द्वेष से किए गए तबादले हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हैं. अदालत ने विभाग द्वारा पेश किये किये गए रिकॉर्ड को देखने के बाद पाया कि प्रार्थी का तबादला राजनीतिक सिफारिश पर हुआ है. अदालत ने कहा कि प्रार्थी का तबादला नियमों के खिलाफ है, अत: इसे रद्द किया जाता है.

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