शिमला: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू करने को लेकर कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है. प्रदेश सरकार यह अवलोकन कर रही है कि किस प्रकार प्रदेश में सेब के यूनिवर्सल कार्टन को लागू किया जा सकता है और इसके संबंध में कानून में किस तरह के प्रावधान करना जरूरी है. इससे पहले सरकार वजन के हिसाब से सेब खरीदे जाने का ऐलान कर चुकी है. लेकिन बागवानों का कहना है कि बिना यूनिवर्सल कार्टन के सेब को वजन के हिसाब से बेचना संभव नहीं होगा. टेलीस्कोपिक कार्टन में 20 किलो से ज्यादा सेब भरा जा सकता है. ये सबसे बडा कारण है कि प्रदेश सरकार यूनिवर्सल कार्टन के लिए कानूनी अध्ययन कर रही है.
'हिमाचल में सेब के लिए होगा यूनिवर्सल कार्टन लागू': प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि राज्य के सेब उत्पादकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार यूनिवर्सल कार्टन लागू करने के लिए कानूनी अध्ययन कर रही है, ताकि इसमें बागवानों को किसी तरह की दिक्क्तों का सामना न करना पड़े. इसके बाद सरकार बागवानों के हित में ही फैसला लेगी. प्रवक्ता ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने बागवानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कई अन्य कदम भी उठाए हैं.
'प्रदेश में बनाई जाएगी सेब वाइनरी': फल उत्पादकों को प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर अपने उत्पाद को घर के समीप बेचने और उन्हें बिचौलियों के चंगुल से बचाने के लिए बेहतर मार्केटिंग सुविधाएं सरकार देने की दिशा में काम कर रही है. इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न भागों में मार्केट यार्ड और खरीद केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. प्रवक्ता ने कहा है कि हिमाचल में जिन इलाकों में सेब की पैदावार ज्यादा होती है. सरकार वहां एक सेब आधारित डिस्टिलरी स्थापित करने पर विचार कर रही है, ताकि बागवान छोटे आकार और निम्न गुणवत्ता वाले सेब भी फेंकने की बजाय वाइनरी को बेच सकें. इससे बागवानों को आय का एक अतिरिक्त स्रोत मिलेगा.
'सीए स्टोर खोलने के लिए सरकार उठा रही कदम': सरकार बागवानों को उनके उत्पादों के बेहतर दाम दिलाने के साथ-साथ उनके उत्पादों को स्टोर करने के लिए भी व्यवस्था कर रही है. राज्य के विभिन्न भागों में नियंत्रित वातावरण (सीए) स्टोर खोलने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि बागवानों को उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य मिल सके. राज्य सरकार अन्य किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी कदम उठा रही है. सरकार की ओर से बैंकों को किसानों-बागवानों को कृषि, मत्स्य पालन और बागवानी क्षेत्रों के लिए उदारतापूर्ण ऋण प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जा सके.
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