शिमला: हिमाचल के नए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने हिमाचल में नशे पर चिंता जताते हुए कहा कि वह इसके खात्मे के लिए अभियान चलाएंगे. शपथ लेने के बाद मीडिया से बातचीत में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पंजाब के साथ हिमाचल का नाम भी नशे के लिए लिया जाता है जो कि चिंतनीय है. ऐसे में उनकी प्राथमिकता नशे को समाप्त करने की रहेगी और इसके लिए अधिकारियों के साथ अभियान चलाएंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व के राज्यपाल द्वारा जो कार्य शुरू किए गए हैं, उनको पूरा करने का वह काम करेंगे और सरकार से भी उनको प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का आग्रह करेंगे.
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने टीबी उन्मूलन के लिए जो अभियान शुरू किया है उसको बड़े स्तर पर लागू कर हिमाचल से टीबी का खात्मा किया जाएगा.
हिमाचल में स्किल डेवलपमेंट पर जोर देने की जरूरत: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा है कि पीएम नेरेंद्र मोदी ने युवाओं का कौशल बढ़ाने के लिए स्किल डेवलपमेंट योजना शुरू की है. पहाड़ी राज्य होने के नाते यह हिमाचल के उपयोगी है. इसके लिए बैंकों से भी अच्छा लोन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जब वह वित्त राज्य मंत्री थे, तब उन्होने इसको महसूस किया था कि युवाओं का कौशल विकास करने के लिए कदम उठाना जरूरी है. हिमाचल में स्किल डेवलपमेंट को बेहतर तरीके से लागू कर युवा रोजगार हासिल करने में सक्षम होंगे.
पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करना जरूरी: राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल एक फल राज्य है, ऐसे में यहां पर बागवानी पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना जरूरी है, लेकिन मौसम का जिस तरह से मिजाज बदला है वो चिंतनीय है. उन्होंने कहा कि शिमला आने से पहले उनको लग रहा था कि यहां पर ठंड काफी होगी लेकिन यहां आकर उन्होंने महसूस किया कि गोरखपुर और शिमला के तापमान कोई अंतर नही रह गया है, जो कि पर्यावरण में बदलाव की वजह से हो रहा है. ऐसे में पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण किया जाएगा. नए राज्यपाल ने कहा कि वह लोगों की समस्याओं को व्यक्तिगत तौर पर जानेंगे, इसके लिए उनका प्रयास रहेगा कि वह अधिकतर सड़क मार्ग से हिमाचल के विभिन्न हिस्सों में जाएं और लोगों की समस्याएं जानकर उनको मुख्यमंत्री से उठाया जाए.
संस्कृत पर काम करने से देवभूमि की संस्कृति बढ़ेगी: संस्कृत में शपथ लेने के सवाल पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा है कि जब राज्यसभा के लिए वह चुने गए थे तब भी उन्होंने संस्कृत में शपथ ली थी. हिमाचल देव भूमि है और देव भाषा संस्कृत में उन्होंने अपने पद की शपथ ली है. उन्होंने कहा कि संस्कृत पर काम करने से देवभूमि की संस्कृति भी बढ़ेगी.
मीडिया की अहम भूमिका: राज्यपाल ने कहा कि मीडिया की सामाजिक मुद्दों और समस्याओं को उठाने और उनका निराकरण कराने में अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि आम लोगों को लगता है कि मीडिया नेगेटिव न्यूज ही देता है, लेकिन इसी न्यूज को सकारात्मक तरीके से लेकर काम किया जा सकता है. राज्यपाल के पदों पर होने वाली सियासत के सवाल पर राज्यपाल ने कहा है कि यह सियासत का पद नहीं होना चाहिए. राज्यपाल संविधान के अनुरूप ही काम करता है, ऐसे में इसको सियासत के तौर पर नहीं देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होता है राज्यपाल भी प्रदेश का संवैधानिक प्रमुख होता है. राज्य में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, लेकिन राज्यपाल संवैधानिक दायरे में रहकर आम लोगों की समस्याएं सरकार के सामने प्रमुखता से उठा सकता हैं.
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