शिमला: कोरोना संकट के इस दौर में हिमाचल के पर्यटन कारोबार की रीढ़ होटल इंडस्ट्री को संजीवनी मिलेगी. राज्य सरकार होटल कारोबारियों को सस्ती दर पर लोन देगी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई में कैबिनेट मीटिंग में प्रदेश की आर्थिक गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए उपायों पर चर्चा हुई.
इसी कड़ी में होटल इंडस्ट्री को इस संकट से उबारने का प्रस्ताव तैयार किया. इसके अनुसार होटल कारोबारियों को सस्ती दर पर लोन दिया जाएगा. हिमाचल सरकार ने इस मसले पर सक्रिय रूप से काम करने की जिम्मेदारी राज्य सहकारी बैंक को सौंपी है. तय किया गया है कि सौ करोड़ रुपए की एक किटी बनाई जाएगी.
इसके माध्यम से होटल कारोबारियों को कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा. प्राथमिक स्तर पर लोन की ब्याज दर पांच से छह फीसदी रखने का फैसला हुआ है. इससे होटल कारोबारी संकट के इस दौर में कुछ राहत महसूस करेंगे. अभी होटल कारोबारी कम से कम 11 फीसदी ब्याज दर पर बैंकों से लोन लेते हैं.
राज्य सहकारी बैंक को भी परेशानी न हो, इसके लिए सरकार कुछ ब्याज दर का भुगतान अपने स्तर पर करेगी. जल्द ही हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक इस बारे में गाइडलाइन तैयार करेगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद होटल कारोबारी इस किटी के तहत लोन ले सकेंगे.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. हिमाचल के पास खुद के संसाधन पहले ही सीमित हैं. पर्यटन कारोबार ठप पड़ा है. राज्य सरकार ने आर्थिक गतिविधियों के लिए कैबिनेट उप समिति का गठन किया है. जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अगुवाई वाली समिति इस संकट के दौर में सरकार को उपाय सुझा रही है.
इसी के तहत कैबिनेट में ये प्रस्ताव आया था. इस योजना से राज्य के पांच हजार से अधिक होटल कारोबारी व गेस्ट हाउस मालिक लाभान्वित होंगे. उन्हें कई अन्य रियायतें भी दी जाएंगी. मसलन, वे लोन की अदायगी एक साल बाद उचित किश्तों के माध्यम से कर सकेंगे.
लोन चुकाने के लिए भी एक सहज समय सीमा तय की जाएगी. ये अधिकतम तीन साल तक हो सकती है. हिमाचल में हर साल करोड़ों पर्यटक आते हैं. राज्य सरकार का लक्ष्य साल में दो करोड़ सैलानियों की आमद का है. अब कोरोना काल में पर्यटन ठप है. ऐसे में होटल मालिक भी संकट झेल रहे हैं. उन्हें राहत के लिए ये योजना तैयार की गई है. अगली कैबिनेट मीटिंग में गाइडलाइन तैयार होते ही इसे मंजूरी देकर राहत दी जाएगी.