शिमला: हिमाचल सरकार ने दो साल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारियों को रेगुलर कर दिया है. सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. इसके साथ सरकार चार साल की सेवाएं पूरा कर चुके दैनिक वेतनभोगियों को रेगुलर किया गया है. राज्य सरकार ने 31 मार्च तक दो वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अनुबंध कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित कर दिया है. इसके अतिरिक्त 30 सितंबर को दो वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों की सेवाओं को भी इस तिथि के बाद नियमित किया जाएगा.
हिमाचल के सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारी पिछले करीब एक माह से रेगुलर होने का इंतजार कर रहे हैं. आम तौर पर प्रदेश सरकार मार्च और सितंबर में कर्मचारियों को नियमित करती है. सरकार ने इस बारे में इस संबंध में बजट में घोषणा की थी. लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों को रेगुलर नहीं किया गया था. इस तरह दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारियों को 31 मार्च को रेगुलर करने के आदेश दिए जाने थे. लेकिन अप्रैल में भी अनुबंध कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया था. अब सरकार ने इन कर्मचारियों को रेगुलर करने का फैसला लिया है.
चार साल की सेवाएं वाले दैनिक वेतनभागी भी होंगे रेगुलर: हिमाचल में कई विभागों में तैनात दैनिक वेतन भोगी व कंटीजेंट वर्कर पेड वर्करों को भी रेगुलर करने की अधिसूचना जारी कर दी गई हैं. दैनिक वेतन भोगी कर्मी व कंटीजेंट पेड वर्करों को चार साल के बाद नियमित किया जाता है. ये कर्मचारी भी काफी समय से रेगुलर होने इंतजार कर रहे थे. इसके बाद अब विभागों तैनात दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी भी रेगुलर हो जाएंगे. हालांकि इनको तभी रेगुलर किया जाएगा जबकि इन्होंने कैलेंडर ईयर में 240 दिन सेवाएं दी हैं. हालांकि इनको नियमित सेवाएं इनके रेगुलर आदेश जारी होने के बाद मानी जाएंगी.
'सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए उठा रही कदम': मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है और सरकार ने कर्मचारियों को लाभान्वित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की विकट वित्तीय स्थिति के बावजूद प्रदेश सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता पहले ही जारी किया जा चुका है.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर कर्मचारियों की लंबित मांग को भी पूरा किया है. इस निर्णय से 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचा है. यह निर्णय राज्य के विकास में अहम योगदान देने वाले सभी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा और सम्मानित जीवन जीने का अधिकार प्रदान करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए मानवीय दृष्टिकोण से फैसले ले रही है.