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बढ़ गया इस वित्तीय वर्ष का बजट, CM ने सदन में गिनाए 6736 करोड़ के अतिरिक्त खर्चे

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Published : Feb 26, 2020, 11:45 PM IST

वित्त वर्ष 2019-20 का अनुपूरक बजट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को विधानसभा में पेश किया जिसके अनुसार सरकार का वार्षिक बजट 6,736.36 करोड़ रुपये बढ़ गया है. उन्होंने इस बजट को पारित करने की सिफारिश की है. इसे आने वाले दिनों में पारित किया जाएगा.

annual budget of himachal government increased
हिमाचल विधानसभा बजट सत्र 2020

शिमलाः वित्त वर्ष 2019-20 का अनुपूरक बजट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को विधानसभा में पेश किया जिसके अनुसार सरकार का वार्षिक बजट 6,736.36 करोड़ रुपये बढ़ गया है.

उन्होंने इस बजट को पारित करने की सिफारिश की है. इसे आने वाले दिनों में पारित किया जाएगा. पिछले साल फरवरी में सीएम जयराम ठाकुर ने 44,387.73 करोड़ रुपये के बजट अनुमान पेश किए थे, लेकिन इस वित्त वर्ष के पूरा होते-होते 6,736.36 करोड़ रुपये के खर्चे बढ़ गए हैं.

मुख्यमंत्री ने 6,736.36 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगे सदन में पेश की. जिनमें से 3950 करोड़ 88 लाख गैर-योजना स्कीम, 904 करोड़ 37 लाख योजनागत स्कीम और 1881 करोड़ 31 लाख केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम के लिए प्रावधित किए हैं.

लगभग 111 करोड़ 37 लाख न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में भूमि मुआवजे, विवाचन मामलों, प्रतिपूरक वनीकरण के लिए मुआवजे की अदायगी, 80 करोड़ 40 लाख हिमाचल पथ परिवहन निगम के लम्बित दायित्वों के भुगतान, हिमाचल प्रदेश ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड की स्थापना, रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कार्पोरेशन को सहायता अनुदान, 75 करोड़ 66 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, लघु आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय के लिए प्रावधान किया गया है.

इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा पैंशन, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों के भुगतान, 39 करोड़ 98 लाख बिजली बोर्ड के लिए टैरिफ रोल बैक उपदान, 31 करोड़ 96 लाख चुनाव विभाग के लिए और 31 करोड़ 95 लाख पशुपालन विभाग को गोवंश रक्षा व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 108 एंबुलैंस सेवाओं के लिए सहायता अनुदान हेतु प्रावधित किए गए हैं.

वहीं, योजना स्कीमों के तहत 200 करोड़ एच पी टी सी एल के लिए, 153 करोड़ 53 लाख सड़कों, पुलों और भवनों के निर्माण और 148 करोड़ 31 लाख भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाईन के निर्माण और शिमला शहर में बैटरी चालित इलैक्ट्रिक बसो हेतु प्रावधित किए जा रहे हैं.

ये भी पढे़ंः हिमाचल की धरोहर : शिमला में बना था देश का पहला ऑटोमेटिक टेलीफोन एक्सचेंज

इसके अतिरिक्त 98 करोड़ 28 लाख शिमला जल प्रबन्धन निगम लिमिटेड में निवेश व मल निकासी योजनाओं के निर्माण कार्यों के लिए, 55 करोड़ 47 लाख स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के भवनों के निर्माण, 55 करोड़ 46 लाख कौशल विकास निगम के लिए, 30 करोड़ कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिये, 27 करोड़ 99 लाख प्रदेश के हवाई अड्डों के संचालन, सूरजकुंड क्राफ्ट मेले, पर्यटन अवसंरचना विकास परियोजना की डीपीआर तैयार करने और हैलीपोट्स के निर्माण हेतु, 27 करोड़ 98 लाख अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित किए हैं.

इसके अलावा बहुद्देशीय सामुदायिक आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण, ग्रामीण सड़को व पुलों के निर्माण, 22 करोड़ 41 लाख हिमाचल प्रदेश सचिवालय और दिल्ली द्वारका में राज्य भवन/राज्य अतिथि गृह के लिए भूमि अधिग्रहण और 21 करोड़ 46 लाख जनजातीय क्षेत्र की सड़कों पुलों तथा भवनों के निर्माण इत्यादि के लिए प्रावधित किए गए हैं.

वहींस, 1023 करोड़ 96 लाख राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि के अंतर्गत विभिन्न राहत कार्यों, 518 करोड़ 92 लाख प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना और 177 करोड़ 67 लाख बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित किए गए हैं.

ये भी पढे़ंः इस भवन में हुआ था हिमाचल का नामकरण, इतिहास की गवाह ये इमारत आज है बेहाल

शिमलाः वित्त वर्ष 2019-20 का अनुपूरक बजट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को विधानसभा में पेश किया जिसके अनुसार सरकार का वार्षिक बजट 6,736.36 करोड़ रुपये बढ़ गया है.

उन्होंने इस बजट को पारित करने की सिफारिश की है. इसे आने वाले दिनों में पारित किया जाएगा. पिछले साल फरवरी में सीएम जयराम ठाकुर ने 44,387.73 करोड़ रुपये के बजट अनुमान पेश किए थे, लेकिन इस वित्त वर्ष के पूरा होते-होते 6,736.36 करोड़ रुपये के खर्चे बढ़ गए हैं.

मुख्यमंत्री ने 6,736.36 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगे सदन में पेश की. जिनमें से 3950 करोड़ 88 लाख गैर-योजना स्कीम, 904 करोड़ 37 लाख योजनागत स्कीम और 1881 करोड़ 31 लाख केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम के लिए प्रावधित किए हैं.

लगभग 111 करोड़ 37 लाख न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में भूमि मुआवजे, विवाचन मामलों, प्रतिपूरक वनीकरण के लिए मुआवजे की अदायगी, 80 करोड़ 40 लाख हिमाचल पथ परिवहन निगम के लम्बित दायित्वों के भुगतान, हिमाचल प्रदेश ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड की स्थापना, रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कार्पोरेशन को सहायता अनुदान, 75 करोड़ 66 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, लघु आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय के लिए प्रावधान किया गया है.

इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा पैंशन, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों के भुगतान, 39 करोड़ 98 लाख बिजली बोर्ड के लिए टैरिफ रोल बैक उपदान, 31 करोड़ 96 लाख चुनाव विभाग के लिए और 31 करोड़ 95 लाख पशुपालन विभाग को गोवंश रक्षा व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 108 एंबुलैंस सेवाओं के लिए सहायता अनुदान हेतु प्रावधित किए गए हैं.

वहीं, योजना स्कीमों के तहत 200 करोड़ एच पी टी सी एल के लिए, 153 करोड़ 53 लाख सड़कों, पुलों और भवनों के निर्माण और 148 करोड़ 31 लाख भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाईन के निर्माण और शिमला शहर में बैटरी चालित इलैक्ट्रिक बसो हेतु प्रावधित किए जा रहे हैं.

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इसके अतिरिक्त 98 करोड़ 28 लाख शिमला जल प्रबन्धन निगम लिमिटेड में निवेश व मल निकासी योजनाओं के निर्माण कार्यों के लिए, 55 करोड़ 47 लाख स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के भवनों के निर्माण, 55 करोड़ 46 लाख कौशल विकास निगम के लिए, 30 करोड़ कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिये, 27 करोड़ 99 लाख प्रदेश के हवाई अड्डों के संचालन, सूरजकुंड क्राफ्ट मेले, पर्यटन अवसंरचना विकास परियोजना की डीपीआर तैयार करने और हैलीपोट्स के निर्माण हेतु, 27 करोड़ 98 लाख अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित किए हैं.

इसके अलावा बहुद्देशीय सामुदायिक आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण, ग्रामीण सड़को व पुलों के निर्माण, 22 करोड़ 41 लाख हिमाचल प्रदेश सचिवालय और दिल्ली द्वारका में राज्य भवन/राज्य अतिथि गृह के लिए भूमि अधिग्रहण और 21 करोड़ 46 लाख जनजातीय क्षेत्र की सड़कों पुलों तथा भवनों के निर्माण इत्यादि के लिए प्रावधित किए गए हैं.

वहींस, 1023 करोड़ 96 लाख राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि के अंतर्गत विभिन्न राहत कार्यों, 518 करोड़ 92 लाख प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना और 177 करोड़ 67 लाख बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित किए गए हैं.

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