शिमला: हिमाचल प्रदेश का बेहतर कार्य के लिए एक बार फिर से देश में अपना नाम रोशन किया है. सीसीटीएनएस प्रगति रैंकिंग में हिमाचल ने देश भर में दूसरा स्थान, जबकि पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया है. यह स्थान एनसीआरबी द्वारा जारी नवीनतम आंकड़े में आया है. देश में हरियाणा 99.84 अंकों के साथ पहले और हिमाचल 99.82 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है.
पहाड़ी राज्यों में पहले पांच स्थानों के लिए जारी की गई रैंकिंग हिमाचल 99.82 के साथ पहले, उत्तराखंड 96.85 अंकों के साथ दूसरे, मिजोरम तीसरे स्थान पर है. इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) एक मंच से अदालतों, पुलिस, जेलों और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं जैसे आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न स्तंभों के बीच डेटा और सूचना के निर्बाध हस्तांतरण को सक्षम करने की एक पहल है.
अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस), इंटर-आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) और यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम (आईटीएसएसओ) गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा मॉनिटर किए गए. भारत के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सीसीटीएनएस परियोजना कार्यान्वयन प्रदर्शन की निगरानी करने के गृह मंत्रालय ने राज्यवार सीसीटीएनएस प्रदर्शन रैंकिंग तय करने के लिए सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रगति में पूर्व-निर्धारित पैरामीटर निर्धारित किए हैं. इसके आधार पर रैंकिंग जारी की गई है.
इस सबंध में हिमाचल पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि कई ऐसे राज्यों से आगे बढ़कर यह उपलब्धि हासिल की है, जो अब तक अखिल भारतीय सीसीटीएनएस प्रदर्शन पर हावी थे. सीसीटीएनएस परियोजना कार्यान्वयन में अधिकारियों के कुशल मार्गदर्शन में एससीआरबी में सभी क्षेत्र स्तरीय पुलिस अधिकारी, राज्य स्तरीय सीसीटीएनएस टीम के समर्पित और संयुक्त प्रयासों से हासिल किया गया है.
एनसीआरबी द्वारा जारी नवीनतम सीसीटीएनएस प्रगति रैंकिंग
राज्य का नाम | प्राप्त अंक |
हरियाणा | 99.84 |
हिमाचल | 99.82 |
गुजरात | 97.98 |
दिल्ली | 97.98 |
तेलंगाना | 97.91 |
उत्तराखंड | 96.85 |
आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों की जांच की निगरानी एक ऑनलाइन माड्यूल यानी यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम (आईटीएसएसओ) के माध्यम से की जा रही है. राज्य पुलिस को ऐसे मामलों की जांच 60 दिनों के भीतर पूरी करनी होती है. हिमाचल की अनुपालन दर 90.53 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो पूरे देश में 5वें स्थान पर है.
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