शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अपना पहला बजट पेश किया है. इस बजट से कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है. कर्मचारी डीए यानी महंगाई भत्ता और संशोधित वेतनमान का एरियर मिलने की आस लगाए हुए थे, लेकिन इस बजट में सरकार ने न तो डीए और न ही एयियर देने का कोई ऐलान किया. ऐसे में अब कर्मचारियों को 15 अप्रैल तक का इंतजार करना होगा. जिसमें मुख्यमंत्री कर्मचारियों के लिए इनसे संबंधित कोई ऐलान कर सकते हैं.
हिमाचल में कर्मचारी सुखविंदर सरकार के पहले बजट से आस लगाए हुए थे. हिमाचल के कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा संशोधित वेतनमान का एरियर और डीए यानी महंगाई भत्ते की लंबित किस्तें हैं. हिमाचल की सरकार अपने कर्मचारियों को अभी 31 फीसदी डीए दे रही है, जबकि यह कुल 38 फीसदी देय है. इस तरह करीब 7 फीसदी डीए की किस्त हिमाचल सरकार को अपने कर्मचारियों को देनी है. इसमें जनवरी 2022 की 3 फीसदी की किस्त और जुलाई 2022 की 4 फीसदी किस्त शामिल है. कर्मचारी उम्मीद जता रहे थे कि सरकार बजट में इसकी घोषणा कर सकती है.
बजट में संशोधित वेतनमान का पेंडिंग एरियर के लिए कोई प्रावधान नहीं- हिमाचल में कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान 2022 दिया गया है, जबकि इसको 2016 से लागू किया गया है. इस तरह कर्मचारियों को साल 2016 से लेकर साल 2022 तक के समय का एरियर दिया जाना है. इससे पहले की जयराम सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60 हजार रुपए तक एरियर का एकमुश्त भुगतान करने और बाकी कर्मचारियों को 50 हजार रुपए एरियर देने का ऐलान किया था, बाकी एरियर अभी पेंडिंग हैं जो कि कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है.
इस तरह कर्मचारियों का उनके वेतनमान के अनुसार काफी एरियर पेंडिंग पड़ा है. हालांकि सीएम का पदभार ग्रहण करने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि अभी सरकार संशोधित वेतनमान का एरियर देने की स्थिति में नहीं है, लेकिन कर्मचारी उम्मीद लगाए हुए थे कि सरकार उनके देय एरियर देने के लिए बजट में प्रावधान जरूर करेगी. कर्मचारियों के एरियर की बड़ी राशि पेंडिंग है और ऐसे में सरकार बजट में इसको किश्तों में देने का प्रावधान कर सकती थी, मगर इस बजट में कोई ऐसा प्रावधान सरकार ने नहीं किया है. इस तरह कर्मचारियों के हाथों निराशा लगी है.
कर्मचारियों की करीब 11 हजार करोड़ की देनदारियां- हिमाचल में कर्मचारियों और पेंशनरों की करीब 11000 करोड़ की देनदारियां पेंडिंग है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार पूर्व सरकार को इन देनदारियों के लिए दोषी ठहरा चुके हैं. उनका कहना था कि पूर्व जयराम सरकार ने संशोधित वेतनमान तो दिया, लेकिन इसका एरियर नहीं दिया. इसी तरह डीए देने का ऐलान किया, लेकिन करीब 900 करोड़ से ज्यादा की डीए की किस्त की देनदारियां भी पूर्व सरकार उनकी सरकार पर छोड़ गई. इस तरह मौजूदा सरकार पूर्व की जयराम सरकार को इसके लिए जिम्मेवार ठहरा रही है. लेकिन मौजूदा बजट में भी इसका कोई प्रावधान नहीं किया गया है, जिससे कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है. कर्मचारियों को अब 15 अप्रैल हिमाचल दिवस का इंतजार है, जब मुख्यमंत्री इसके लिए कोई घोषणा कर सकते हैं.
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