शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन ने इस बार भारी तबाही मचाई है. भारी बारिश से प्रदेश में सड़कों, पानी व अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ निजी संपत्तियों की भी भारी क्षति हुई है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार भारी बरसात से प्रदेश में अब तक 8660 करोड़ का नुकसान हुआ है. हालांकि अब मानसून के थमने से प्रदेश में नुकसान की रफ्तार थोड़ी कम हुई है. ऐसे में सरकार क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. मगर अभी भी दूर दराज इलाकों में सड़कें और पानी की परियोजनाएं बंद हैं. प्रदेश में 205 सड़कें अभी भी बंद हैं. मानसून की बारिश में इस बार 393 लोगों की मौत हुई है.
PWD को बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान: हिमाचल प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है. अब तक बारिश से करीब 8660 करोड़ का नुकसान प्रदेश में आंका गया है. जिसमें सबसे ज्यादा पीडब्ल्यूडी को 2934 करोड़ की क्षति हुई है. लैंडस्लाइड से सैकड़ों सड़कें या तो टूट गई हैं या फिर बाधित हैं. इसके अलावा 97 पुलों को प्रदेश में नुकसान पहुंचा है. जबकि 19 पुल बाढ़ के प्रकोप का शिकार होकर बह गए हैं.
हिमाचल की 205 सड़कें बंद: वहीं, बारिश और लैंडस्लाइड के कारण प्रदेश में अभी भी 205 सड़कें बंद हैं. इनमें पीडब्ल्यूडी मंडी जोन में 92 सड़कें बंद हैं. जबकि शिमला जोन में 45 सड़कें बंद हैं. हमीरपुर जोन में 39 और कांगड़ा जोन में 27 सड़कें बंद हैं. पीडब्ल्यूडी ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 948 मशीनें प्रदेशभर में लगाई हुई हैं.
IPH विभाग की 33 परियोजनाएं ठप: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19,537 परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है. इनमें 11,056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 1023 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल की गई हैं. इसके अलावा प्रदेश में अभी भी 33 परियोजनाएं बंद हैं. जिससे हजारों की आबादी को रोजाना पानी की किल्लत से रूबरू होना पड़ रहा है. वहीं, इस बार भारी बारिश से सिंचाई की 2688 परियोजनाओं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है. जानकारी के अनुसार इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है.
हिमाचल में करोड़ों का नुकसान: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1740 करोड़ का नुकसान हुआ है. जबकि कृषि विभाग को करीब 357 करोड़ और बागवानी विभाग को करीब 173 करोड़ की क्षति पहुंची है. वहीं, भारी बारिश के चलते प्रदेश में ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़ का नुकसान, शिक्षा विभाग को 118 करोड़ की क्षति पहुंची है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ की क्षति और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान भारी बरसात के चलते हुआ है.
हजारों परिवारों के आशियाने उजड़े: अबकी बार मानसून में लैंडस्लाइड और बाढ़ की चपेट में रिहायशी व अन्य मकान भी बड़ी संख्या में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13,351 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. जिनमें 2536 मकान पूरी तरह से, जबकि 10,815 घरों को आंशिक रूप से क्षति पहुंची हैं. वहीं, प्रदेश में 315 दुकानें और 5617 गौशालाएं भी लैंडस्लाइड और बाढ़ की चपेट में आई हैं. इसके अलावा अबकी बार बरसात में 393 लोगों की जानें गई हैं और 367 लोग घायल हुए हैं.
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