शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश का विनाशकारी रूप देखने को मिल रहा है. प्रदेश में सड़कों, पानी व अन्य परियोजनाओं सहित निजी संपत्ति को इससे भारी नुकसान पहुंच रहा है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार प्रदेश में अब तक भारी बरसात के चलते 8468 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है. भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड से सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में अभी भी 729 सड़कें बंद हैं. मानसून में हुए हादसों में अब तक 372 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 349 लोग जख्मी हुए हैं.
PWD को सबसे ज्यादा नुकसान: हिमाचल प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. जानकारी के मुताबिक अब तक 8468 करोड़ का नुकसान बारिश से प्रदेश में आका गया है. जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2829 करोड़ की क्षति हुई है. लैंडस्लाइड से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 97 पुलों को नुकसान पहुंचा है. 19 पुल बाढ़ में बह गए. बारिश के बाद लैंडस्लाइड से सड़कें बंद हो रही हैं और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 729 सड़कें बंद हैं. पीडब्ल्यूडी सड़कों को बहाल करने का काम कर रहा है, लेकिन फिर से कई जगह बार-बार लैंडस्लाइड हो रहे हैं. पीडब्ल्यूडी ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1287 मशीनें सड़क बहाली के काम में लगाई हुई हैं.
IPH की को 2074 करोड़ का नुकसान: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड और सिल्ट से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. जानकारी के अनुसार मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19073 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 10639 पेयजल परियोजनाएं हैं. हालांकि इनमें से करीब 10368 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. मगर अभी भी 271 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इनके बंद होने से कई इलाकों में पीने के पानी की दिक्कतें पेश आ रही हैं. पेयजल के अलावा सिंचाई की 2642 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 168 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 2074 करोड़ का नुकसान हो आंका गया है.
बरसात ने लगाई करोड़ों की चपत: इसके अलावा, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1731 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ का नुकसान हुआ है. जबकि बागवानी विभाग को करीब 173 करोड़ की क्षति हुई है. भारी बरसात से ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़ और शिक्षा विभाग को 118 की क्षति हुई है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसके अलावा अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान का आकलन किया गया है.
आफत की बारिश में तबाह हुए आशियाने: भारी बारिश के बाद हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में लैंडस्लाइड और बाढ़ के मामले बड़ी संख्या में सामने आए. जिनकी चपेट में रिहायशी व अन्य मकान भी आ रहे हैं. जानकारी के अनुसार प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 12,738 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2400 मकान जमींदोज हुए हैं. जबकि 10,338 मकानों को क्षति पहुंची है. प्रदेश में 303 दुकानों व व्यापारिक संस्थानों के अलावा 5133 गौशालाएं भी लैंडस्लाइड और बारिश में ढह गई हैं. इस बरसात में बड़ी संख्या में लोगों की जानें भी गई हैं. बारिश में होने वाले हादसों में 372 लोगों की मौत हुई हैं, जबकि 349 लोग जख्मी हुए हैं.
ये भी पढे़ं: Shimla Land Sinking: शिमला के संजौली में मंडराया खतरा, कई घरों में आई दरारें, लोग पलायन को मजबूर