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Himachal Covid Fund आपदा में बनेगा सहारा, कोविड फंड को आपदा राहत कोष में डायवर्ट करेगी सरकार

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार भारी तबाही मचाई है. प्रदेश में बरसात के चलते बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है. जिसे दोबारा दुरूस्त करने के लिए सरकार को हजारों करोड़ों रुपयों की आवश्यकता है. इसलिए सरकार अब कोविड फंड को आपदा फंड में डायवर्ट करने का विचार कर रही है. (Himachal covid fund)

Covid fund will use in Himachal disaster.
हिमाचल आपदा में काम आएगा कोविड फंड.
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Published : Jul 28, 2023, 2:50 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बरसात से आई आपदा से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. सड़क से लेकर पेयजल परियोजनाओं और बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर निजी संपत्तियों को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. प्रदेश में आधारभूत संरचना को जिस तरह से नुकसान पहुंचा है, उसे दुरुस्त करने के लिए अच्छे खासे फंड की जरूरत होगी. प्रदेश सरकार ने इस आपदा से निपटने के लिए आपदा राहत कोष बनाया है. जिसमें समाज के सभी वर्ग, उद्योग और समाजसेवी अपनी ओर से डोनेशन दे रहे हैं. जानकारी के अनुसार सरकार अब इस राहत कोष में कोविड फंड भी डायवर्ट करने जा रही है. इसके लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है.

स्टेट कोविड फंड में है करीब 20 करोड़ राशि: हिमाचल प्रदेश में 2020 में कोविड महामारी के दौर में कोविड फंड बनाया था. इसमें कर्मचारियों और अधिकारियों ने भी अपना वेतन दिया था. इसके अलावा निजी संस्थाओं, उद्योगों के साथ-साथ व्यक्तिगत तौर पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने डोनेशन दी थी. करीब एक सौ करोड़ की राशि इस फंड में इकट्ठी हुई थी. इस राशि का इस्तेमाल मेक शिफ्ट अस्पताल बनाने से लेकर पीपीई किट खरीदने समेत अन्य कार्यों के लिए किया गया था. स्टेट कोविड फंड में करीब 20 करोड़ रुपये है इसके अलावा जिलों के पास भी कोविड फंड है.

आपदा फंड में डायवर्ट होगा कोविड फंड: हिमाचल प्रदेश में आपदा राहत कोष में कोविड फंड को डाला जाएगा. सरकार ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि इसके लिए सरकार ने एजी ऑफिस शिमला से पत्राचार किया है. कोविड फंड एक ऑडिट फंड है, ऐसे में इसको डायवर्ट करने के लिए एजी ऑफिस की मंजूरी जरूरी है. एजी ऑफिस से मंजूरी मिलने के बाद सरकार इस फंड को आपदा राहत कोष में डायवर्ट कर देगी.

प्रदेश में भारी बारिश से 5000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से सरकारी और निजी संपत्तियों को अबकी बार भारी नुकसान हुआ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक राज्य में करीब 5491 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा 1865 करोड़ का नुकसान PWD को हुआ है. जल शक्ति विभाग को करीब 1543 करोड़ और बिजली बोर्ड को करीब 1497 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसके अलावा कृषि, बागवानी को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. बारिश से बाद खराब सड़कों, पानी की परियोजनाओं, बिजली प्रोजेक्टों व लाइनों के साथ-साथ अन्य अधोसरचनाओं के निर्माण, बचाव व राहत कार्यों के लिए भी फंड की जरूरत है. ऐसे में सरकार जहां आपदा राहत कोष में लोगों की मदद ले रही है, वहीं इसमें कोविड फंड को भी इसमें शामिल कर इस्तेमाल करेगी.

आपदा में राहत दिलाएगा कोविड फंड: जानकारी के मुताबिक कोविड फंड से स्वास्थ्य विभाग, जिला उपायुक्तों, पुलिस विभाग, शिमला नगर निगम सहित कुछ अन्य विभागों को राशि जारी की गई थी. कोरोना अवधि के दौरान आशा वर्करों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए एनएचएम को भी राशि जारी गई थी. इसके अलावा बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को वापस हिमाचल में लाने के लिए भी इस फंड से राशि खर्च की गई. इसके बाद भी करीब 20 करोड़ की राशि स्टेट कोविड फंड में बची हुई है, जिसका इस्तेमाल आपदा में किया जा सकेगा. इसके अलावा जिलों के पास भी काफी राशि कोविड फंड की बची हुई है. उस बचे हुए फंड का इस्तेमाल भी आपदा राहत कोष में किया जाएगा. सरकार को उम्मीद है इस राशि के आपदा में इस्तेमाल से कुछ राहत जरूर मिलेगी.

ये भी पढ़ें: Himachal Monsoon: मानसून से 5491 करोड़ का नुकसान, 7700 से ज्यादा परिवारों के आशियाने भी हुए क्षतिग्रस्त

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बरसात से आई आपदा से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. सड़क से लेकर पेयजल परियोजनाओं और बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर निजी संपत्तियों को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. प्रदेश में आधारभूत संरचना को जिस तरह से नुकसान पहुंचा है, उसे दुरुस्त करने के लिए अच्छे खासे फंड की जरूरत होगी. प्रदेश सरकार ने इस आपदा से निपटने के लिए आपदा राहत कोष बनाया है. जिसमें समाज के सभी वर्ग, उद्योग और समाजसेवी अपनी ओर से डोनेशन दे रहे हैं. जानकारी के अनुसार सरकार अब इस राहत कोष में कोविड फंड भी डायवर्ट करने जा रही है. इसके लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है.

स्टेट कोविड फंड में है करीब 20 करोड़ राशि: हिमाचल प्रदेश में 2020 में कोविड महामारी के दौर में कोविड फंड बनाया था. इसमें कर्मचारियों और अधिकारियों ने भी अपना वेतन दिया था. इसके अलावा निजी संस्थाओं, उद्योगों के साथ-साथ व्यक्तिगत तौर पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने डोनेशन दी थी. करीब एक सौ करोड़ की राशि इस फंड में इकट्ठी हुई थी. इस राशि का इस्तेमाल मेक शिफ्ट अस्पताल बनाने से लेकर पीपीई किट खरीदने समेत अन्य कार्यों के लिए किया गया था. स्टेट कोविड फंड में करीब 20 करोड़ रुपये है इसके अलावा जिलों के पास भी कोविड फंड है.

आपदा फंड में डायवर्ट होगा कोविड फंड: हिमाचल प्रदेश में आपदा राहत कोष में कोविड फंड को डाला जाएगा. सरकार ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि इसके लिए सरकार ने एजी ऑफिस शिमला से पत्राचार किया है. कोविड फंड एक ऑडिट फंड है, ऐसे में इसको डायवर्ट करने के लिए एजी ऑफिस की मंजूरी जरूरी है. एजी ऑफिस से मंजूरी मिलने के बाद सरकार इस फंड को आपदा राहत कोष में डायवर्ट कर देगी.

प्रदेश में भारी बारिश से 5000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से सरकारी और निजी संपत्तियों को अबकी बार भारी नुकसान हुआ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक राज्य में करीब 5491 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा 1865 करोड़ का नुकसान PWD को हुआ है. जल शक्ति विभाग को करीब 1543 करोड़ और बिजली बोर्ड को करीब 1497 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसके अलावा कृषि, बागवानी को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. बारिश से बाद खराब सड़कों, पानी की परियोजनाओं, बिजली प्रोजेक्टों व लाइनों के साथ-साथ अन्य अधोसरचनाओं के निर्माण, बचाव व राहत कार्यों के लिए भी फंड की जरूरत है. ऐसे में सरकार जहां आपदा राहत कोष में लोगों की मदद ले रही है, वहीं इसमें कोविड फंड को भी इसमें शामिल कर इस्तेमाल करेगी.

आपदा में राहत दिलाएगा कोविड फंड: जानकारी के मुताबिक कोविड फंड से स्वास्थ्य विभाग, जिला उपायुक्तों, पुलिस विभाग, शिमला नगर निगम सहित कुछ अन्य विभागों को राशि जारी की गई थी. कोरोना अवधि के दौरान आशा वर्करों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए एनएचएम को भी राशि जारी गई थी. इसके अलावा बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को वापस हिमाचल में लाने के लिए भी इस फंड से राशि खर्च की गई. इसके बाद भी करीब 20 करोड़ की राशि स्टेट कोविड फंड में बची हुई है, जिसका इस्तेमाल आपदा में किया जा सकेगा. इसके अलावा जिलों के पास भी काफी राशि कोविड फंड की बची हुई है. उस बचे हुए फंड का इस्तेमाल भी आपदा राहत कोष में किया जाएगा. सरकार को उम्मीद है इस राशि के आपदा में इस्तेमाल से कुछ राहत जरूर मिलेगी.

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