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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गले की फांस बनेगी महिलाओं को 1500 रुपए वाली गारंटी, वादा पूरा न हुआ तो झेलना पड़ेगा नुकसान - CM Sukhvinder Singh Sukhu

Himachal Congress Guarantee: हिमाचल कांग्रेस अपनी ही गारंटियों के मायाजाल में फंसती जा रही है. 2022 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने प्रदेश में महिलाओं को 1500 रुपए देने की गारंटी दी थी, जो कि अब तक पूरी नहीं हुई है. ऐसे में अब जनता कांग्रेस से गारंटियों को लेकर सवाल पूछने को जहां तैयार बैठी है. वहीं, भाजपा ने भी कांग्रेस सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है.

Himachal Congress Guarantee
हिमाचल कांग्रेस गारंटी
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 7, 2023, 7:52 AM IST

शिमला: हिमाचल कांग्रेस ने 2022 में विधानसभा चुनाव प्रचार में गारंटी दी थी कि सत्ता में आने के बाद वो 18 से 60 साल आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देगी. कांग्रेस की दस प्रमुख गारंटियों में से इस गारंटी ने वोटर्स का सबसे अधिक ध्यान खींचा था. हालांकि कर्मचारी बहुल राज्य हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के वादे ने कांग्रेस की जीत में अहम योगदान दिया, लेकिन सबसे चर्चित गारंटी महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए प्रतिमाह देने से जुड़ी थी.

अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस को सत्ता में आए एक साल का अर्सा होने जा रहा है, लेकिन महिलाओं से किए गए वादे को पूरा करने में अभी खास काम नहीं हुआ है. सिर्फ स्पीति घाटी की कुछ महिलाओं को ये लाभ मिलने वाला है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस की ये अधूरी गारंटी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए परिणाम की दृष्टि से घातक साबित होगी? ऐसा सोचने के पीछे कई कारण हैं.

हिमाचल में महिला वोटर्स ज्यादा: तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव की बाजी फतह करने के बाद भाजपा का आत्मविश्वास शिखर पर है. तेलंगाना में विजय पताका कांग्रेस के हाथ लगी है. भाजपा व कांग्रेस हालिया चुनाव परिणाम का विश्लेषण अपने-अपने तरीके से कर रहे हैं, लेकिन एक बात तय है कि 2024 के रण में जनता राजनीतिक दलों से उनकी गारंटी को लेकर गारंटीड सवाल पूछेगी. हिमाचल की बात करें तो ऊंची साक्षरता दर वाले राज्य में महिला वोटर्स बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लेती हैं. महिलाओं ने हमेशा से वोटिंग पर्सेंटेज में पुरुष मतदाताओं के मुकाबले बाजी मारी है. हिमाचल में साक्षरता दर अच्छी होने के कारण महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति अपेक्षाकृत अधिक जागरूक हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से ये सवाल जरूर पूछा जाएगा कि 1500 रुपए वाली गारंटी का क्या हुआ.

'सुक्खू भाई, दस गरंटियां केथी पाई': वहीं, हिमाचल भाजपा को इस मसले पर कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. भाजपा ने तो दस गारंटियों पर लोक बोली में एक नारा तक दे दिया था. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को संबोधित करते हुए नारा दिया गया था-सुक्खू भाई, दस गरंटियां केथी पाई. नेता प्रतिपक्ष ने इस नारे का प्रयोग कांगड़ा, ऊना, मंडी, कुल्लू आदि जिलों की बोलियों के साथ सभाओं में किया था.

कांग्रेस की गारंटी: वहीं, सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कुल्लवी में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि परिवार में एक महिला होगी तो 1500 रुपए, दो होंगी तो 3000, तीन महिलाएं होंगी तो पैंतालीस सौ और चार होंगी तो छह हजार रुपए मिलेगा. इसी तरह सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा था कि एक महिला को 1500 रुपए प्रति माह मिलेगा यानी साल भर में 18 हजार रुपए की रकम उसके खाते में आएगी. हालांकि जिस समय ये गारंटियां दी जा रही थीं तो सभी ने सवाल उठाया था कि कर्ज में डूबे राज्य के खजाने में इतनी ताकत नहीं है कि महिलाओं को ये लाभ दिया जाए. उस समय कांग्रेस की तरफ से ये तर्क दिया जाता था कि राजस्व जुटाना आना चाहिए, सभी गारंटियां पूरी हो सकती हैं.

कर्ज में डूबा प्रदेश, पूरी होगी गारंटी? अब कांग्रेस सरकार सत्ता में एक साल का कार्यकाल पूरा करने वाली है, लेकिन 1500 रुपए वाली गारंटी पूरी होती नहीं दिखाई दे रही. हिमाचल की आबादी सत्तर लाख से अधिक है. एक अनुमान के अनुसार यदि 18 से 60 साल की महिलाओं की संख्या 20 लाख भी हुई तो उन्हें 1500 रुपए प्रति माह के हिसाब से एक महीने में 300 करोड़ रुपए चाहिए. साल भर में 3600 करोड़ रुपए की रकम बनती है. हिमाचल पहले ही 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज में डूबा है. सरकारी कर्मचारियों को डीए और नए वेतन आयोग के एरियर की रकम भी अभी नहीं चुकाई गई है. ऐसे में 1500 रुपए वाली गारंटी पूरी होने में भारी संशय है.

हिमाचल में वोटर्स ट्रेंड: वोटिंग का ट्रेंड देखें तो हिमाचल में महिलाएं मतदान में आगे रही हैं. हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2017 में कुल 50 लाख, 25 हजार, 941 वोटर्स थे. उनमें 25 लाख, 31 हजार, 321 पुरुष मतदाता थे. वहीं, 24 लाख, 57 हजार 032 महिला वोटर्स थीं. थर्ड जेंडर के 14 वोट थे. तब 18 लाख, 13 हजार 147 पुरुष मतदाताओं ने वोट डाला. महिला मतदाताओं ने पुरुषों से अधिक संख्या में वोट डाला. कुल 19 लाख, 14 हजार 578 महिला मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया. प्रतिशत के लिहाज से महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले छह फीसदी से अधिक मतदान किया. वर्ष 2022 में महिलाओं ने अपने कुल मतों में से 76.8 फीसदी मत डाले. पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 72.4 रहा था. कुल 68 सीटों में से 18 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से 15 फीसदी तक (अधिकतम) पुरुषों से अधिक मतदान किया. ऐसे में ये स्पष्ट है कि चुनाव में महिला वोटर्स निर्णायक साबित होती हैं.

हिमाचल की राजनीति को चार दशक से नजदीक से देख रहे वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि महिला वोट हमेशा से निर्णायक रहे हैं. हिमाचल में लोकसभा की चार सीटें हैं. इस समय मंडी सीट कांग्रेस के पास है. उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने भाजपा के ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर को परास्त किया था. उससे पहले ये सीट लगातार दो बार रामस्वरूप शर्मा ने जीती थी. उनके देहांत के बाद उपचुनाव हुआ था, जिसमें प्रतिभा सिंह विजयी रही थीं.

मिशन-2024 पर भाजपा: अब भाजपा मिशन-2024 के तहत हिमाचल की चारों सीटों को फिर से जीतने के लिए संकल्प लेकर चली है. कांग्रेस हिमाचल में सत्ता में है. जाहिर है, कांग्रेस लोकसभा चुनाव प्रचार में जाएगी तो जनता गारंटियों के बारे में पूछेगी. खासकर महिलाओं को 1500 रुपए वाली गारंटी की बात अधिक होगी. धनंजय शर्मा का कहना है कि वहीं, भाजपा जनसभाओं में ये प्रचारित करेगी कि देश में केवल एक गारंटी चलती है और वो मोदी की गारंटी है. यदि कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपए वाली गारंटी को पूरा करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया तो प्रचार वार में उसका पिछड़ना तय है. देखना है कि 2024 के रण में कांग्रेस को महिलाओं का कितना साथ मिलता है.

ये भी पढ़ें: मोदी की गारंटी बनाम कांग्रेस की गारंटियां, सुख की सरकार के एक साल में अधूरे हैं कांग्रेस के कई वादे

शिमला: हिमाचल कांग्रेस ने 2022 में विधानसभा चुनाव प्रचार में गारंटी दी थी कि सत्ता में आने के बाद वो 18 से 60 साल आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देगी. कांग्रेस की दस प्रमुख गारंटियों में से इस गारंटी ने वोटर्स का सबसे अधिक ध्यान खींचा था. हालांकि कर्मचारी बहुल राज्य हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के वादे ने कांग्रेस की जीत में अहम योगदान दिया, लेकिन सबसे चर्चित गारंटी महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए प्रतिमाह देने से जुड़ी थी.

अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस को सत्ता में आए एक साल का अर्सा होने जा रहा है, लेकिन महिलाओं से किए गए वादे को पूरा करने में अभी खास काम नहीं हुआ है. सिर्फ स्पीति घाटी की कुछ महिलाओं को ये लाभ मिलने वाला है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस की ये अधूरी गारंटी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए परिणाम की दृष्टि से घातक साबित होगी? ऐसा सोचने के पीछे कई कारण हैं.

हिमाचल में महिला वोटर्स ज्यादा: तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव की बाजी फतह करने के बाद भाजपा का आत्मविश्वास शिखर पर है. तेलंगाना में विजय पताका कांग्रेस के हाथ लगी है. भाजपा व कांग्रेस हालिया चुनाव परिणाम का विश्लेषण अपने-अपने तरीके से कर रहे हैं, लेकिन एक बात तय है कि 2024 के रण में जनता राजनीतिक दलों से उनकी गारंटी को लेकर गारंटीड सवाल पूछेगी. हिमाचल की बात करें तो ऊंची साक्षरता दर वाले राज्य में महिला वोटर्स बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लेती हैं. महिलाओं ने हमेशा से वोटिंग पर्सेंटेज में पुरुष मतदाताओं के मुकाबले बाजी मारी है. हिमाचल में साक्षरता दर अच्छी होने के कारण महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति अपेक्षाकृत अधिक जागरूक हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से ये सवाल जरूर पूछा जाएगा कि 1500 रुपए वाली गारंटी का क्या हुआ.

'सुक्खू भाई, दस गरंटियां केथी पाई': वहीं, हिमाचल भाजपा को इस मसले पर कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. भाजपा ने तो दस गारंटियों पर लोक बोली में एक नारा तक दे दिया था. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को संबोधित करते हुए नारा दिया गया था-सुक्खू भाई, दस गरंटियां केथी पाई. नेता प्रतिपक्ष ने इस नारे का प्रयोग कांगड़ा, ऊना, मंडी, कुल्लू आदि जिलों की बोलियों के साथ सभाओं में किया था.

कांग्रेस की गारंटी: वहीं, सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कुल्लवी में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि परिवार में एक महिला होगी तो 1500 रुपए, दो होंगी तो 3000, तीन महिलाएं होंगी तो पैंतालीस सौ और चार होंगी तो छह हजार रुपए मिलेगा. इसी तरह सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा था कि एक महिला को 1500 रुपए प्रति माह मिलेगा यानी साल भर में 18 हजार रुपए की रकम उसके खाते में आएगी. हालांकि जिस समय ये गारंटियां दी जा रही थीं तो सभी ने सवाल उठाया था कि कर्ज में डूबे राज्य के खजाने में इतनी ताकत नहीं है कि महिलाओं को ये लाभ दिया जाए. उस समय कांग्रेस की तरफ से ये तर्क दिया जाता था कि राजस्व जुटाना आना चाहिए, सभी गारंटियां पूरी हो सकती हैं.

कर्ज में डूबा प्रदेश, पूरी होगी गारंटी? अब कांग्रेस सरकार सत्ता में एक साल का कार्यकाल पूरा करने वाली है, लेकिन 1500 रुपए वाली गारंटी पूरी होती नहीं दिखाई दे रही. हिमाचल की आबादी सत्तर लाख से अधिक है. एक अनुमान के अनुसार यदि 18 से 60 साल की महिलाओं की संख्या 20 लाख भी हुई तो उन्हें 1500 रुपए प्रति माह के हिसाब से एक महीने में 300 करोड़ रुपए चाहिए. साल भर में 3600 करोड़ रुपए की रकम बनती है. हिमाचल पहले ही 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज में डूबा है. सरकारी कर्मचारियों को डीए और नए वेतन आयोग के एरियर की रकम भी अभी नहीं चुकाई गई है. ऐसे में 1500 रुपए वाली गारंटी पूरी होने में भारी संशय है.

हिमाचल में वोटर्स ट्रेंड: वोटिंग का ट्रेंड देखें तो हिमाचल में महिलाएं मतदान में आगे रही हैं. हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2017 में कुल 50 लाख, 25 हजार, 941 वोटर्स थे. उनमें 25 लाख, 31 हजार, 321 पुरुष मतदाता थे. वहीं, 24 लाख, 57 हजार 032 महिला वोटर्स थीं. थर्ड जेंडर के 14 वोट थे. तब 18 लाख, 13 हजार 147 पुरुष मतदाताओं ने वोट डाला. महिला मतदाताओं ने पुरुषों से अधिक संख्या में वोट डाला. कुल 19 लाख, 14 हजार 578 महिला मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया. प्रतिशत के लिहाज से महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले छह फीसदी से अधिक मतदान किया. वर्ष 2022 में महिलाओं ने अपने कुल मतों में से 76.8 फीसदी मत डाले. पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 72.4 रहा था. कुल 68 सीटों में से 18 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से 15 फीसदी तक (अधिकतम) पुरुषों से अधिक मतदान किया. ऐसे में ये स्पष्ट है कि चुनाव में महिला वोटर्स निर्णायक साबित होती हैं.

हिमाचल की राजनीति को चार दशक से नजदीक से देख रहे वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि महिला वोट हमेशा से निर्णायक रहे हैं. हिमाचल में लोकसभा की चार सीटें हैं. इस समय मंडी सीट कांग्रेस के पास है. उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने भाजपा के ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर को परास्त किया था. उससे पहले ये सीट लगातार दो बार रामस्वरूप शर्मा ने जीती थी. उनके देहांत के बाद उपचुनाव हुआ था, जिसमें प्रतिभा सिंह विजयी रही थीं.

मिशन-2024 पर भाजपा: अब भाजपा मिशन-2024 के तहत हिमाचल की चारों सीटों को फिर से जीतने के लिए संकल्प लेकर चली है. कांग्रेस हिमाचल में सत्ता में है. जाहिर है, कांग्रेस लोकसभा चुनाव प्रचार में जाएगी तो जनता गारंटियों के बारे में पूछेगी. खासकर महिलाओं को 1500 रुपए वाली गारंटी की बात अधिक होगी. धनंजय शर्मा का कहना है कि वहीं, भाजपा जनसभाओं में ये प्रचारित करेगी कि देश में केवल एक गारंटी चलती है और वो मोदी की गारंटी है. यदि कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपए वाली गारंटी को पूरा करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया तो प्रचार वार में उसका पिछड़ना तय है. देखना है कि 2024 के रण में कांग्रेस को महिलाओं का कितना साथ मिलता है.

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