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ट्रक आपरेटरों के अन्य मुद्दों को अब दोनों जिलों के DC करेंगे हल, भाड़े की सालाना बढ़ोतरी भी होगी तय

हिमाचल में चल रहा सीमेंट विवाद अब खत्म हो गया है. अब जल्द ही अदानी समूह अपनी फैक्ट्रियां खोल देगा. हालांकि अभी भी कुछ मुद्दे हैं जिनको अब दोनों जिलों के डीसी हल करेंगे. इसके अलावा सालाना मालभाड़े की बढ़ौतरी को भी अधिकारी स्तर पर तय किया जाएगा. इस संबंध में CM ने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
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Published : Feb 20, 2023, 8:08 PM IST

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू.

शिमला: सीमेंट फैक्ट्रियों की माल ढुलाई का विवाद अब खत्म हो गया है. एक ओर जहां अब अदानी समूह अपनी फैक्ट्रियां खोल देगा, वहीं ट्रक आपरेटर भी अपने-अपने कामकाज पर एक दो दिन से लौट आएंगे. हालांकि अभी भी कुछ मुद्दे हैं जिनको अब दोनों जिलों के डीसी हल करेंगे. इसके अलावा सालाना मालभाड़े की बढ़ौतरी को भी अधिकारी स्तर पर तय किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक के बाद कहा कि ढुलाई दरों में वार्षिक वृद्धि से संबंधित मामलों के लिए प्रधान सचिव उद्योग और अन्य अधिकारी एक फार्मूला तय करेंगे. इसके अलावा ट्रक ऑपरेटरों की अन्य समस्याओं के हल के लिए सोलन और बिलासपुर जिले के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि दोनों कंपनी प्रबंधन के साथ मिलकर इसका समाधान सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से इस मामले का सर्वमान्य हल संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के सत्ता संभालने के 5 दिन के बाद ही यह विवाद सामने आ गया था और सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन ने उत्पादन रोकने की घोषणा कर दी थी. लेकिन सरकार लगातार ट्रक आपरेटरों और फैक्ट्री प्रबंधन के साथ बातचीत करती रही और आज ये विवाद हल हो गया है.

सीमेंट विवाद से सभी पक्षों को हो रहा था नुकसान: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस विवाद का सभी पक्षों को नुकसान हो रहा था. प्रदेश में सीमेंट उत्पादन रुकने से जहां आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा था, वहीं इससे जुड़े ट्रक ऑपरेटरों, चालक एवं परिचालक, गाड़ियों की मरम्मत और अन्य कार्यों में जुड़े स्थानीय लोग, ढाबा संचालक इत्यादि हजारों परिवार भी आर्थिक तंगी की हालत में जा रहे थे. ऐसे में प्रदेश सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण से भी इस मामले को हल करने के लिए लगातार प्रयास किए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि उनकी सरकार का स्पष्ट मानना है कि ट्रक आपरेटरों के साथ-साथ वहां कार्य कर रहे कर्मचारियों तथा अप्रत्यक्ष तौर पर फैक्ट्री के आसपास रोजगार में लगे लोगों के परिवारों के हितों की रक्षा की जाए. इसके साथ ही प्रदेश सरकार फैक्ट्री प्रबंधन को भी नुकसान के पक्ष में नहीं थी. प्रदेश सरकार का स्पष्ट मानना है कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के हितों की रक्षा प्रदेश सरकार का ध्येय है. यही कारण रहा कि प्रदेश सरकार ने सर्वमान्य हल को प्राथमिकता दी.

CM ने की अधिकारियों की सराहना: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस विवाद को हल करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे सरकार के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की टीम की सराहना भी की. मुख्यमंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान धैर्य और सौहार्द बनाए रखने के लिए ट्रक आपरेटरों और कंपनी प्रबंधन का भी आभार व्यक्त किया. इस बैठक में मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, बिलासपुर ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष राकेश ठाकुर, अडानी समूह के अधिकारियों सहित अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए.

ये भी पढ़ें: मनाली में DC-SDM पर भड़क उठीं प्रतिभा सिंह, कहा- हिम्मत कैसे हुई...

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू.

शिमला: सीमेंट फैक्ट्रियों की माल ढुलाई का विवाद अब खत्म हो गया है. एक ओर जहां अब अदानी समूह अपनी फैक्ट्रियां खोल देगा, वहीं ट्रक आपरेटर भी अपने-अपने कामकाज पर एक दो दिन से लौट आएंगे. हालांकि अभी भी कुछ मुद्दे हैं जिनको अब दोनों जिलों के डीसी हल करेंगे. इसके अलावा सालाना मालभाड़े की बढ़ौतरी को भी अधिकारी स्तर पर तय किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक के बाद कहा कि ढुलाई दरों में वार्षिक वृद्धि से संबंधित मामलों के लिए प्रधान सचिव उद्योग और अन्य अधिकारी एक फार्मूला तय करेंगे. इसके अलावा ट्रक ऑपरेटरों की अन्य समस्याओं के हल के लिए सोलन और बिलासपुर जिले के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि दोनों कंपनी प्रबंधन के साथ मिलकर इसका समाधान सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से इस मामले का सर्वमान्य हल संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के सत्ता संभालने के 5 दिन के बाद ही यह विवाद सामने आ गया था और सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन ने उत्पादन रोकने की घोषणा कर दी थी. लेकिन सरकार लगातार ट्रक आपरेटरों और फैक्ट्री प्रबंधन के साथ बातचीत करती रही और आज ये विवाद हल हो गया है.

सीमेंट विवाद से सभी पक्षों को हो रहा था नुकसान: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस विवाद का सभी पक्षों को नुकसान हो रहा था. प्रदेश में सीमेंट उत्पादन रुकने से जहां आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा था, वहीं इससे जुड़े ट्रक ऑपरेटरों, चालक एवं परिचालक, गाड़ियों की मरम्मत और अन्य कार्यों में जुड़े स्थानीय लोग, ढाबा संचालक इत्यादि हजारों परिवार भी आर्थिक तंगी की हालत में जा रहे थे. ऐसे में प्रदेश सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण से भी इस मामले को हल करने के लिए लगातार प्रयास किए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि उनकी सरकार का स्पष्ट मानना है कि ट्रक आपरेटरों के साथ-साथ वहां कार्य कर रहे कर्मचारियों तथा अप्रत्यक्ष तौर पर फैक्ट्री के आसपास रोजगार में लगे लोगों के परिवारों के हितों की रक्षा की जाए. इसके साथ ही प्रदेश सरकार फैक्ट्री प्रबंधन को भी नुकसान के पक्ष में नहीं थी. प्रदेश सरकार का स्पष्ट मानना है कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के हितों की रक्षा प्रदेश सरकार का ध्येय है. यही कारण रहा कि प्रदेश सरकार ने सर्वमान्य हल को प्राथमिकता दी.

CM ने की अधिकारियों की सराहना: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस विवाद को हल करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे सरकार के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की टीम की सराहना भी की. मुख्यमंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान धैर्य और सौहार्द बनाए रखने के लिए ट्रक आपरेटरों और कंपनी प्रबंधन का भी आभार व्यक्त किया. इस बैठक में मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, बिलासपुर ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष राकेश ठाकुर, अडानी समूह के अधिकारियों सहित अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए.

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