शिमला: हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर काम कर रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के रिज मैदान से परिवहन विभाग के 11 इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहन दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि देश में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. प्रदेश में भी पिछले कुछ सालों से गर्मी बढ़ी है. जिसके लिए डीजल-पेट्रोल वाले वाहनों से हो रहा प्रदूषण जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 21 लाख के करीब वाहन पंजीकृत हैं, जिसका असर कहीं न कहीं प्रदेश के पर्यावरण पर पड़ रहा है. ऐसे में प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस कर रही है.
उन्होंने कहा कि पर्यावरण को साफ और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए परिवहन विभाग को पूरी तरह इलेक्ट्रिक किया जा रहा है. हिमाचल परिवहन विभाग देश का पहला ऐसा विभाग बना है, जो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हो गया है. अन्य विभागों को भी इसी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियां दी जाएंगी. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग को ये गाड़िया पायलट प्रोजेक्ट के तहत दी गई है. अगर प्रोजेक्ट सफल रहता है तो अगले एक साल के अंदर सभी विभागों को इलेक्ट्रिक वाहन दिए जाएंगे. वहीं, 2025 तक हिमाचल देश का पहला ग्रीन स्टेट बन जाएगा.
60% बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदलेगी सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में 60 प्रतिशत बसों को अगले दो सालों में इलेक्ट्रिक बसों में कन्वर्ट किया जाएगा. इससे घाटे में चल रहे परिवहन विभाग को भी फायद होगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही 300 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदला जाएगा. इलेक्ट्रिक गाड़ियों को शुरू करके सरकार ने क्रांतिकारी कदम उठाया है. आने वाले दिनों में हिमाचल देश के लिए मिसाल बनेगा.
एक बार चार्ज करने पर 400 KM चलेगी कार: परिवहन विभाग को पायलट प्रोजेक्ट के तहत दी गई गाड़ियों में 4 गाड़ियां हुंडई कंपनी की हैं. जबकि, 7 गाड़ियां टाटा की नैक्सोन कंपनी की हैं. हिमाचल परिवहन विभाग इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदने के बाद देश का पहला ऐसा विभाग बन गया है, जिसके अधिकारी व कर्मचारी इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रयोग करेंगे. सिंगल चार्ज पर यह गाड़ी 400 किलोमीटर तक चलेगी. प्रदेशभर के अलग-अलग RTO और अन्य अफसरों को गाड़ियां दी गई हैं. खर्च में कटौती करने के लिए इस तरह का कदम उठाया गया है.
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