शिमला: हिमाचल में सर्दियो में कम बर्फबारी होने और लंबा ड्राइ स्पेल होने से सूखे की स्थिति पैदा होने लगी है. प्रदेश में जल स्तर भी घटने लगे और फलों और फसलों को भी नुकसान होने के आसार बन गए हैं. इस बीच मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने हिमाचल में सूखे की संभावित स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों को कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. सूखे की संभावित स्थिति से निपटने की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में आज एक बैठक हुई.
मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों और संबंधित विभागाध्यक्षों को प्रदेश में सूखे की संभावित स्थिति से निपटने के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. उन्होंने जल शक्ति विभाग को सभी पेयजल योजनाओं से सुचारू पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध उचित कदम उठाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि पेयजल के प्राकृतिक स्त्रोतों के रखरखाव और इनके आसपास स्वच्छता बनाए रखने के लिए भी उपाय किए जाने चाहिए.
वन विभाग आग की संभावित घनटाएं रोकने के लिए करे उचित उपाय: मुख्य सचिव ने वन विभाग को सूखे की स्थिति के कारण संभावित आग संबंधी घटनाओं रोकने के लिए समुचित उपाय करने और पशुपालन विभाग को पशुओं के लिए पर्याप्त चारा व पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समन्वय बनाए रखने के निर्देश भी दिए, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में उचित कदम उठाए जा सकें.
उन्होंने सभी उपायुक्तों को इस संबंध में समन्वय बैठक आयोजित करने को कहा. मुख्य सचिव ने प्रदेशवासियों से पीने के पानी का सदुपयोग सुनिश्चित करने का आह्वान भी किया है. इस बैठक में जिला उपायुक्तों और संबंधित विभागाध्यक्षों से इस संबंध में विभिन्न तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी दी. इस बैठक में प्रधान सचिव राजस्व एवं वन, सचिव जलशक्ति एवं बागवानी, सचिव कृषि एवं पशुपालन और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. इसमें जिलों के उपायुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए.
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