शिमला: सरकार वन विभाग के तहत 2061 वन मित्रों की नियुक्ति करेगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में साढ़े छह घंटे लंबी चली मंत्रिमंडल की बैठक में वन विभाग की वन मित्र योजना को मंजूरी प्रदान की गई. इस योजना के तहत 2061 वन बीटों में एक-एक वन मित्र लगाए जाएंगे, ताकि जमीनी स्तर के संस्थानों को शामिल करके वन क्षेत्रों के संरक्षण और विकास के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके. मंत्रिमंडल ने वन विभाग में वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को अनुबंध आधार पर भरने को भी मंजूरी प्रदान की. इस बैठक में जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों, बहु उद्देशीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर और पैरा पंप ऑपरेटर के मानदेय को 500 रुपये मासिक बढ़ाकर क्रमशः 5000 रुपये, 4400 रुपये, 6000 रुपये और 6000 रुपये करने का निर्णय लिया गया.
मंत्रिमंडल ने ऊना जिला में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 76.50 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी मोड में बाबा माई दास भवन पार्किंग चिन्तपूर्णी से मंदिर तक यात्री रोपवे सिस्टम स्थापित करने को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी प्रदान की. वहीं मंत्रिमंडल ने परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी दी. बैठक में राज्य के सभी जिलों में आपात स्थिति के दौरान वैकल्पिक संचार के लिए एमेच्योर और सामुदायिक रेडियो को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया. इससे सूचना स्रोतों, आपातकालीन प्रबंधन और आपदा या आपातकालीन स्थितियों से प्रभावित लोगों के बीच प्रभावी सूचना आदान-प्रदान सुनिश्चित होगा. बैठक में सीसे (लैड) पर अतिरिक्त माल कर 25 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से कम करने का निर्णय लिया गया.
प्राइवेट ऑपरेटरों को 234 और टैंपो ट्रैवलर को 100 रूट देने का फैसला: मंत्रिमंडल ने प्रदेश में लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा के लिए राज्य में निजी संचालकों के लिए 234 रूट और टैंपो ट्रेवलर के100 अतिरिक्त रूट प्रदान करने का निर्णय लिया. इस बैठक में परिवहन विभाग के यातायात निरीक्षकों, मोटर वाहन निरीक्षकों, वरिष्ठ मोटर वाहन निरीक्षकों और पुलिस विभाग के सहायक उप-निरीक्षकों व हैड कांस्टेबल को मोटर वाहन अधिनियम-1988 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों को कम करने के लिए नामित प्राधिकारी घोषित करने की भी मंजूरी दी.
बेघर हुए लोगों को नया घर बनाने के लिए जमीन देने को मंजूरी: मंत्रिमंडल ने आपदा के कारण बेघर हुए लोगों और जिन लोगों के पास नया घर बनाने के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं है उन्हें शहरी क्षेत्र में दो बिस्वा भूमि और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया. मंत्रिमंडल ने प्रदेश में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 30 सितंबर को घोषित विशेष राहत पैकेज को मंजूरी प्रदान की. इस विशेष पैकेज के तहत घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है. इसके अलावा कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये से एक लाख रुपये और पक्के घर के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है.
दुकान व ढाबा के क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25000 रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है. प्रदेश सरकार गौशाला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. प्रदेश सरकार किराएदारोें के सामान के नुकसान के लिए दी जाने वाली 2500 रुपये की राशि को 20 गुणा बढ़ाकर 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी. दुधारू और भार उठाने वाले पशुओं की क्षति पर 55 हजार जबकि बकरी, सुअर, भेड़ और मेमने की मुआवजा राशि 6000 रुपये प्रति पशु की दर से प्रदान की जाएगी.
कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है. फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है. कृषि व बागवानी भूमि से सिल्ट हटाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 1384.61 प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है. यह विशेष पैकेज 24 जून से 30 सितंबर तक प्रदान किया जाएगा.
शिमला डेवलपमेंट प्लान को संशोधित करेगी सरकार: मंत्रिमंडल ने शिमला विकास योजना को संशोधित करने का निर्णय लिया. सड़क से ऊपर स्थित ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में नवबहार से रामचंद्रा चौक से मछीवाली कोठी से क्राइस्ट चर्च से लक्कड़ बाजार से आईजीएमसी से संजौली चौक से नवबहार तक जहां पेड़ नहीं हैं वहीं निर्माण की अनुमति दी जाएगी. शिमला विकास योजना के तहत ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में सिर्फ उन्हीं प्लाटों पर आवासीय निर्माण को अनुमति प्रदान की जाएगी जहां पेड़ नहीं हैं. मंत्रिमंडल ने नाला और खड्ड से क्रमशः पांच और सात मीटर की दूरी पर निर्माण को अनुमति देने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना नियमों को संशोधित करने का निर्णय लिया.
ये भी पढ़ें- Teacher Jobs: हिमाचल में TGT के बाद JBT की बैचवाइज भर्ती शुरू, जानें किस जिले में कितने पदों पर होगी भर्ती