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होम स्टे का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया तो भरना होगा एक लाख जुर्माना, हिमाचल विधानसभा में पारित हुआ संशोधन विधेयक

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 22, 2023, 6:46 AM IST

Updated : Dec 22, 2023, 1:41 PM IST

Himachal Assembly Winter Session 2023: हिमाचल प्रदेश में अब बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे होम स्टे संचालकों पर प्रदेश सरकार द्वारा बड़ी कार्रवाई की जाएगी. इन होम स्टे संचालकों को बिना रजिस्ट्रेशन के 1 लाख तक जुर्माना भरना होगा. इसके लिए हिमाचल विधानसभा सत्र में पर्यटन विकास एवं पंजीकरण विधेयक पारित हो गया है.

Himachal Assembly Winter Session 2023
Tourism Development and Registration Bill

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब बिना पंजीकरण के होम स्टे चलाना संचालकों को भारी पड़ेगा. बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे के संचालकों को एक लाख रुपए जुर्माना भरना होगा. इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास एवं पंजीकरण विधेयक पारित हो गया है. गुरुवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ये बिल पास हुआ. बुधवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में विधेयक पेश किया था.

6 माह की सजा समाप्त: हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास और रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2023 अब कानून की शक्ल लेगा. पहले इस विधेयक के तहत बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे को लेकर छह महीने की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान था. अब विधेयक में संशोधन के बाद छह माह की सजा को समाप्त किया गया है. साथ ही दस हजार रुपए के जुर्माने की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है.

रजिस्ट्रेशन औपचारिकता के लिए 90 दिन: अब केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत संचालित किए जा रहे होम स्टे को एक माह की अवधि के भीतर फिर से नए सिरे से रजिस्टर्ड करना होगा. आवेदन करने वाली इकाइयों को उनके मौजूदा रजिस्टर लाइसेंस की अवधि खत्म होने तक फीस का भुगतान नहीं करना होगा. लाइसेंस की अवधि खत्म होने के बाद सरकार की तरफ से तय की गई रजिस्ट्रेशन फीस भरनी होगी. रजिस्ट्रेशन की औपचारिकताओं को 90 दिन के अंदर पूरा करना पड़ेगा. रजिस्टर्ड हुए होम स्टे का लाइसेंस दो साल की अवधि के लिए वैध माना जाएगा.

Homestays in Himachal
हिमाचल प्रदेश में होम स्टे (फाइल फोटो)

संशोधन विधेयक लाने का कारण: उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सेक्टर का विस्तार होने से दूरस्थ पर्यटन इलाकों में कई होम स्टे चल रहे हैं. खासकर प्रकृति की गोद में बसे ग्रामीण इलाकों में ये पर्यटन कारोबार खूब चल रहा है. इसमें रजिस्ट्रेशन और नवीकरण को लेकर कई समस्याएं आ रही थीं. ऐसे में सरकार ने संशोधन विधेयक लाने का फैसला लिया, ताकि होम स्टे व अन्य तय पर्यटन इकाइयों को रेगुलेट किया जा सके.

1.36 करोड़ सैलानियों का आगमन: उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून सीजन में आई आपदा के बावजूद अक्टूबर महीने तक 1.36 करोड़ से अधिक सैलानी आए हैं. विधानसभा के मानसून सेशन में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इस साल अक्टूबर तक हिमाचल में 1 करोड़ 36 लाख 57 हजार 783 पर्यटक आए हैं. अभी विंटर टूरिस्ट सीजन का आगमन हुआ है. आपदा के बावजूद ये संख्या उत्साहित करती है. नवंबर व दिसंबर के पर्यटकों को मिलाकर इस बार पौने दो करोड़ सैलानियों की आमद की उम्मीद है. सैलानी भी अब होम स्टे को अधिक प्रेफर करते हैं. ऐसे में होम स्टे को रेगुलेट करना सरकार को जरूरी प्रतीत हुआ। फिलहाल, गुरुवार को सदन में ये विधेयक पास हो गया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 11 माह में नशे से पांच युवकों की मौत, करीब 14 किलो चिट्टे सहित 304 किलो चरस बरामद, चिंता में सरकार और विपक्ष

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब बिना पंजीकरण के होम स्टे चलाना संचालकों को भारी पड़ेगा. बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे के संचालकों को एक लाख रुपए जुर्माना भरना होगा. इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास एवं पंजीकरण विधेयक पारित हो गया है. गुरुवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ये बिल पास हुआ. बुधवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में विधेयक पेश किया था.

6 माह की सजा समाप्त: हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास और रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2023 अब कानून की शक्ल लेगा. पहले इस विधेयक के तहत बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे को लेकर छह महीने की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान था. अब विधेयक में संशोधन के बाद छह माह की सजा को समाप्त किया गया है. साथ ही दस हजार रुपए के जुर्माने की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है.

रजिस्ट्रेशन औपचारिकता के लिए 90 दिन: अब केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत संचालित किए जा रहे होम स्टे को एक माह की अवधि के भीतर फिर से नए सिरे से रजिस्टर्ड करना होगा. आवेदन करने वाली इकाइयों को उनके मौजूदा रजिस्टर लाइसेंस की अवधि खत्म होने तक फीस का भुगतान नहीं करना होगा. लाइसेंस की अवधि खत्म होने के बाद सरकार की तरफ से तय की गई रजिस्ट्रेशन फीस भरनी होगी. रजिस्ट्रेशन की औपचारिकताओं को 90 दिन के अंदर पूरा करना पड़ेगा. रजिस्टर्ड हुए होम स्टे का लाइसेंस दो साल की अवधि के लिए वैध माना जाएगा.

Homestays in Himachal
हिमाचल प्रदेश में होम स्टे (फाइल फोटो)

संशोधन विधेयक लाने का कारण: उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सेक्टर का विस्तार होने से दूरस्थ पर्यटन इलाकों में कई होम स्टे चल रहे हैं. खासकर प्रकृति की गोद में बसे ग्रामीण इलाकों में ये पर्यटन कारोबार खूब चल रहा है. इसमें रजिस्ट्रेशन और नवीकरण को लेकर कई समस्याएं आ रही थीं. ऐसे में सरकार ने संशोधन विधेयक लाने का फैसला लिया, ताकि होम स्टे व अन्य तय पर्यटन इकाइयों को रेगुलेट किया जा सके.

1.36 करोड़ सैलानियों का आगमन: उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून सीजन में आई आपदा के बावजूद अक्टूबर महीने तक 1.36 करोड़ से अधिक सैलानी आए हैं. विधानसभा के मानसून सेशन में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इस साल अक्टूबर तक हिमाचल में 1 करोड़ 36 लाख 57 हजार 783 पर्यटक आए हैं. अभी विंटर टूरिस्ट सीजन का आगमन हुआ है. आपदा के बावजूद ये संख्या उत्साहित करती है. नवंबर व दिसंबर के पर्यटकों को मिलाकर इस बार पौने दो करोड़ सैलानियों की आमद की उम्मीद है. सैलानी भी अब होम स्टे को अधिक प्रेफर करते हैं. ऐसे में होम स्टे को रेगुलेट करना सरकार को जरूरी प्रतीत हुआ। फिलहाल, गुरुवार को सदन में ये विधेयक पास हो गया है.

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Last Updated : Dec 22, 2023, 1:41 PM IST
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