शिमला: अकसर समाज में खून के रिश्तों की खूब दुहाई दी जाती है. भाई-बहन, चाचा-भतीजा और ससुर-दामाद के रिश्तों की अहमियत की चर्चा होती है, लेकिन राजनीति एक ऐसी शै है, जहां कई बार रिश्तों की गाड़ी में चुनावी टिकट अधिक महत्व रखते हैं. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शोर है. यहां टिकट के लिए मारामारी के बाद कई रिश्ते खटास से भर गए. भाई से बहन नाराज हो गई तो ससुर दामाद फिर से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में कूदे हैं.(Himachal Assembly Elections 2022) (Himachal Assembly Election contest in relatives)
हिमाचल के सोलन जिले की सोलन सदर सीट एक दशक से चर्चा में है. यहां सेना से सेवानिवृत कैप्टन डॉ. धनीराम शांडिल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बयासी वर्ष की आयु में वे फिर से चुनाव मैदान में हैं. उनके दामाद डॉ. राजेश कश्यप दूसरी बार उन्हें चुनौती पेश कर रहे हैं. चंबा की दो सीटें ऐसी हैं, जहां पर रिश्ते आपस में चुनावी रण में टकरा रहे हैं. भरमौर से कांग्रेस के दिग्गज ठाकुर सिंह भरमौरी और भाजपा के डॉ. जनकराज के बीच चाचा-भतीजा का रिश्ता है. (Dhaniram Shandil and Rajesh Kashyap are relatives) (Rajesh Kashyap BJP candidate from Solan) (Dhaniram Shandil Congress candidate from Solan)
ये रिश्ता बेशक दूर-पार का है, लेकिन इसमें एक दिलचस्प तथ्य है. वो तथ्य ये है कि चाचा और भतीजे के बीच आयु का अंतर अधिक है. अकसर चाचा आयु में बड़े होते हैं, लेकिन यहां उल्टा है. भरमौर में डॉ. जनकराज आयु में कम हैं और भतीजे ठाकुर सिंह भरमौरी उम्रदराज हैं. पीढ़ियों के अंतराल में कई दफा रिश्तों में ऐसे आयु का अंतर आ जाता है. खैर, यहां विषय रिश्तों के बीच चुनावी मुकाबले का है न कि आयु का. (Dr Janak raj and Bharmouri are relatives) (Dr Janakraj BJP Candidate from Bharmour) (Thakur Singh Bharmouri Congress Candidate from Bharmour)
चंबा में ही सदर सीट पर नीलम नैय्यर भाजपा से चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस से नीरज नैय्यर उनके भतीजे हैं. नीलम चाची हैं और नीरज भतीजे. दोनों के बीच चुनावी मुकाबला जोरदार है. कुल्लु में भाजपा के महेश्वर सिंह को पहले टिकट मिला था, फिर उनका टिकट कट गया और नरोत्तम ठाकुर को प्रत्याशी बनाया गया. अभी सुलह की कोशिश है और बगावत को थामने के प्रयास चल रहे हैं. यहां समीकरण ये हैं कि महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह टिकट चाहते थे. (Neelam Nayyar BJP Candidate from Chamba) (Neeraj Nayyar Congress Candidate from Chamba) (Neelam and Neeraj Nayyar are relatives)
उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय बंजार से चुनाव मैदान में उतर गए. वहीं, उनके चाचा और पूर्व मंत्री स्व. कर्ण सिंह के बेटे आदित्य विक्रम सिंह कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए. इस तरह दोनों चचेरे भाई प्रचार के समय एक-दूसरे के खिलाफ डटेंगे. मंडी जिले में भाजपा के वरिष्ठ नेता ठाकुर महेंद्र सिंह इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उन्होंने अपने बेटे रजत ठाकुर को टिकट दिलाने में कामयाबी हासिल की.रजत ठाकुर को टिकट दिए जाने से भाजपा महिला मोर्चा की नेता और उनकी बहन वंदना गुलेरिया बागी हो गई.
फिलहाल उन्हें मनाने का प्रयास सफल होता दिखाई दे रहा है. पूर्व में मंडी जिले में ही भाजपा टिकट पर विधायक बने अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा कांग्रेस में चले गए थे. उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे. बाद में वे कांग्रेस से नाराज हो गए और इस चुनाव में फिर से भाजपा में शामिल हो गए. वंशवाद की राजनीति के बाद ये अलग तरह की राजनीति है, जहां रिश्तेदार ही आपस में एक-दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं.
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