शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के 8वें दिन गुरुवार को भी विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. सोमवार को महिलाओं को 1500 रुपये मासिक देने वाली योजना पर विपक्ष ने हंगामा किया. बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए जब सीएम सुखविंदर सिंह ने 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपये पेंशन का जिक्र किया तो विपक्ष के सदस्य विरोध स्वरूप खड़े हो गए. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बोलने के लिए अनुमति मांगी लेकिन स्पीकर ने इजाजत नहीं दी. जिस पर विपक्षी विधायक भड़क गए.
1500 रुपये की गारंटी पर विपक्ष ने उठाए सवाल- दरअसल गुरुवार को सीएम सुक्खू ने जैसे ही 1500 रुपये की गारंटी का जिक्र किया तो विपक्ष ने इसपर आपत्ति जताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि चार साल में 2.31 लाख महिलाओं को पेंशन देंगे. जिसके बाद बीजेपी विधायकों ने हंगामा किया और कहा कि सरकार महिलाओं को गुमराह करना बंद करे.
विपक्ष ने किया वॉकआउट- इस मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में जोरदार नारेबाजी की और सीएम सुक्खू ने इस नारेबाजी के बीच अपना भाषण जारी रखा. नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के अन्य विधायक 1500 रुपये वाली गारंटी को लेकर स्पष्टीकरण चाहते थे. हंगामा और नारेबाजी करते हुए विधायक पहले वेल में पहुंच गए और फिर अपनी सीटों पर लौट आए. लेकिन कुछ ही देर बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया.
पूरी करेंगे सभी गारंटियां- इससे पहले गुरुवार को ही लंच के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू मीडिया से रू-ब-रू हुए और उन्होंने साफ किया कि कोई भी पार्टी जब कोई वादा करती है तो उसे पूरा करने के लिए 4 से 5 साल का समय होता है. हर साल कुछ गारंटियों का प्रावधान बजट में किया जाएगा.सीएम सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस सरकार भी अपनी सभी गारंटियां आगामी 4 से 5 वर्षों में पूरा करेगी.
क्या है 1500 रुपये की गारंटी- दरअसल 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने हिमाचल में 10 गारंटियां यानी 10 वादे किए थे. जिनमें से एक गारंटी 18 से 59 साल की महिलाओं को हर माह 1500 रुपये देने की है. सरकार बनने के बाद सुक्खू सरकार ने इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया, जिसने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने 17 मार्च को अपने पहले बजट भाषण में ऐलान किया कि इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और पहले चरण में राज्य की 2.31 लाख लाभार्थी महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे. इनमें वो महिलाएं हैं जो फिलहाल 1000 और 1100 रुपये पेंशन ले रही हैं. उन्हें अब 1500 रुपये मिलेंगे. सीएम सुक्खू के मुताबिक इस योजना पर सालाना 416 करोड़ रुपये खर्च होंगे विपक्ष इसे महिलाओं के साथ सरकार का धोखा बताया है.
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