शिमला: प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों, क्रेच, टैक्सियों समेत अनुबंधित गाड़ियां 14 अप्रैल तक बंद रहेंगी. निजी वाहनों को केवल तभी अनुमति दी जाएगी, जब आवश्यक रूप से अस्पताल जाना हो और आवश्यक सेवाओं के रखरखाव के लिए आवश्यक हो.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 17 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल थे. ये सभी लोग दिल्ली सरकार के तहत 14 दिनों की निगरानी में हैं और अब तक उनमें कोविड-19 का कोई भी लक्षण नहीं है.
वहीं, राज्य मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा, ताकि अन्य राज्यों में फंसे लोगों के साथ समन्वय स्थापित किया जा सके. उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन के सचिव इस नियंत्रण कक्ष के प्रभारी होंगे और ये 24 घंटे काम करेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे हिमाचली कंट्रोल रूम के जरिए संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अन्य राज्यों में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों तक पहुंचने के लिए सभी प्रयास कर रही है और संबंधित राज्य सरकार के साथ इन हिमाचलियों के बारे में भी बात करेगी.
सीएम ने कहा कि हिमाचल भवन, दिल्ली और चंडीगढ़ में पहले से स्थापित कंट्रोल रूम को और मजबूत बनाया जाएगा ताकि वहां फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को सुविधा मिल सके. उन्होंने कहा कि दिल्ली में नियंत्रण कक्ष पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रशासनिक तंत्र के साथ उचित संपर्क सुनिश्चित करेगा.
चंडीगढ़ में नियंत्रण कक्ष त्रि-शहर के प्रशासन के साथ प्रभावी संपर्क सुनिश्चित करेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में दवाओं के अलावा पीपीई किट और सर्जिकल मास्क की पर्याप्त उपलब्धता है. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने कसौली में कोविड-19 परीक्षण सुविधा प्रदान करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 3396 व्यक्तियों को कोरोना वायरस की निगरानी में रखा गया है, जिनमें से 1168 लोगों ने 28 दिनों की निगरानी अवधि पूरी कर ली है. मंगलवार को प्रदेश में कोविड-19 के 17 व्यक्तियों की जांच की गई है, जिनमें सभी नमून नेगेटिव पाए गए हैं. प्रदेश में अब तक 229 लोगों के कोविड-19 का टेस्ट किया गया है, जिसमें से 226 मामले नकारात्मक पाए गए हैं.