देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून (Indian Military Academy Dehradun) से पास आउट होने वाले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के अखिल कौशल (Akhil Kaushal of Kangra Himachal Pradesh) भी कठिन परिश्रम और देश सेवा की भावना के जब्जे के साथ लेफ्टिनेंट बने हैं. अखिल का परिवार भी पीढ़ी दर पीढ़ी सेना में शामिल होकर देश सेवा में अपनी अहम भूमिका निभाता रहा है. अखिल के भाई निखिल कौशल भी कुछ ही समय पहले नेवी में ऑफिसर बने हैं. उनके पिता 34 साल तक देश सेवा में रहने के बाद ऑनरेरी कैप्टन पद से रिटायर हुए हैं.
कठिन परिश्रम से अखिल ने पूरा किया सपना: अखिल भी सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. लेफ्टिनेंट अखिल कौशल ने बताया कि वो एनडीए एग्जाम में चार बार असफल हुए, लेकिन सेना की वर्दी पहनने और मन कुछ कर गुजरने के जज्बे को लिए निरंतर मेहनत करते रहें. इसी का नतीजा था कि पांचवी बार में वह एनडीए एग्जाम (NDA exam) में सफल होकर IMA से पास आउट हो रहे हैं. अखिल ने कहा कि उन्हें आज इस बात की बड़ी खुशी है कि जिंदगी में जो वह बनना चाहते थे, वह पूरा हो गया. उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता, पिता और भाई को दिया है.
अखिल की उपलब्धि पर भाई को नाज: अखिल के भाई निखिल कौशल नेवी ऑफिसर हैं. अपने भाई अखिल के सेना में शामिल होने पर उन्होंने कहा यह खुशी उनके लिए दुनिया की सबसे बड़ी खुशी है. यही सपना उन्होंने देखा था और यही ख्वाहिश आज उनके भाई ने पूरी की है. वह 4 बार एनडीए में असफल रहा, लेकिन पांचवी बार वह सफल हुआ. आज भाई के सेना अधिकारी बनने का गौरव पूरे परिवार के लिए हर्ष का विषय है.
देश सेवा से बढ़कर कोई मकसद नहीं: लेफ्टिनेंट अखिल के पिता का कहना कि उनके बेटे उनकी तरह ही देश सेवा के लिए तैयार हैं. यही सपना जिंदगी भर उन्होंने देखा था. उनका सपना था कि उनके बेटे भी देश सेवा की भावना के मकसद वाली जिंदगी को लेकर आगे जाये. आज वह सपना पूरा हुआ और एक नए जीवन का दौर शुरू हुआ है, जिसको राष्ट्र सेवा के लिए आगे बढ़ाते जाना है.
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