शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने न्यू शिमला के फेज-2 के सेक्टर 3 व 4 में येलो लाइन पार्किंग की नीलामी करने से जुड़े फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है. अदालत ने पार्किंग का आवंटन रद्द कर दिया और साथ ही राज्य सरकार सहित नगर आयुक्त तथा एसपी शिमला से 2 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा है.
हिमुडा ने प्लॉट/फ्लैट आवंटित किए: हिमाचल हाईकोर्ट के वेकेशन जज न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए. इस मामले में शिमला डेवलपमेंट अथॉरिटी एसोसिएशन ने अदालत के समक्ष याचिका दाखिल की थी. एसोसिएशन ने न्यू शिमला में येलो लाइन पार्किंग आवंटन को चुनौती देते हुए याचिका डाली. एसोसिएशन ने अपनी याचिका में जो तथ्य अदालत के समक्ष रखे, उनके अनुसार प्रार्थी एसोसिएशन के सदस्यों को हिमुडा (हिमाचल अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने न्यू शिमला में प्लॉट/फ्लैट आवंटित किए हैं.
भवन मालिकों से खर्चा कराया गया: याचिका में कहा गया है कि इलाके में सड़क, पार्किंग, पार्क, ओपन एरिया, सार्वजनिक सुविधाएं और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए पैसे एसोसिएशन के सदस्यों से लिए गए. यहां तक कि इस क्षेत्र में बिजली और पानी की सुविधा के लिए भी भवन मालिकों से खर्च करवाया गया. अदालत के समक्ष दलील दी गई कि प्रार्थी एसोसिएशन के सदस्यों के दिए गए पैसों से बनाई गई सड़क में नगर निगम येलो लाइन पार्किंग आवंटित नहीं कर सकता,
पार्किंग पॉलिसी बनाने के आदेश दिए थे: एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के समक्ष कहा कि 31 अक्टूबर 2018 को अदालत ने नगर निगम को शहर में पार्किंग पॉलिसी बनाने के आदेश दिए थे. वर्ष 2019 में नगर निगम शिमला ने न्यू शिमला के क्षेत्र को भी उक्त पॉलिसी में जोड़ दिया, फिर दो साल पहले 30 सितंबर 2021 को हिमुडा ने एक चिट्ठी के जरिए एसोसिएशन के सदस्यों को बताया कि न्यू शिमला के फेज -2 में पार्किंग एरिया क्षेत्र पर केवल उसका अधिकार है.
पार्किंग की नीलामी की घोषणा: वहीं, 19 अप्रैल 2021 को एसोसिएशन ने नगर निगम शिमला को इस बारे में जानकारी दी. एसोसिएशन के जानकारी देने के बाद भी निगम ने इस क्षेत्र में पार्किंग की नीलामी की घोषणा कर दी. पिछले साल अक्टूबर 2022 में नगर निगम ने इस क्षेत्र की सड़कों पर येलो लाइन लगाकर आम जनता से पार्किंग के लिए आवेदन मांगने शुरू किए.
2 मार्च को होगी सुनवाई: अब एसोसिएशन ने अदालत ने गुहार लगाई है कि नगर निगम को आदेश दिए जाए कि उनकी संपत्ति को ऐसे नीलाम न किया जाए. मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने अब 2 मार्च को सुनवाई तय की है.