शिमला: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार जाना अब आसान होने वाला है. अब चूड़धार के लिए घंटों पैदल सफर करने से राहत मिलने वाली है. चूड़धार के लिए जल्द ही हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होने जा रही है. कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा की मौजूदगी में धार्मिक स्थल चूड़धार के लिए हेलीकॉप्टर का सफल ट्रायल किया गया.
कालाबाग में उतरा हेलीकॉप्टर: हेलीकॉप्टर ट्रायल के लिए देहरादून से एक निजी कंपनी के छह सीटर चौपर की सेवाएं ली गईं. हेलीकॉप्टर ने शिमला संजौली से बुधवार को 9:05 मिनट पर उड़ान भरी. सुबह 9:15 मिनट पर हेलीकॉप्टर कालाबाग पहुंचा. कालाबाग में हेलीकॉप्टर उतारने का ट्रायल किया गया, जो कि सफल रहा. हेलीकाप्टर के ट्रायल के दौरान डीसी शिमला आदित्य नेगी भी मौजूद रहे.
'जल्द शुरू होगी हेली टैक्सी सेवा': इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि चूड़धार में हेलीकॉप्टर की सफल ट्रायल लैंडिंग हुई है. अब हिमाचल के चूड़धार में चूड़ेश्वर महादेव के दिव्य दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करना सभी प्रदेश व देशवासियों के लिए आसान होगा. उन्होंने कहा कि यह एक सपना था जो सामूहिक प्रयास से सच हो पाया है. उन्होंने इसका श्रेय हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पारदर्शिता को दिया. रजनीश किमटा ने कहा कि जल्द ही चूड़धार के लिए हेली टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी, जिससे चूड़ेश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए आने वाले लोगों को बहुत आसानी होगी.
आस्था का केंद्र चूड़ेश्वर महादेव: गौरतलब है कि चूड़धार मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है. यहां 2 रास्तों से पहुंचा जा सकता है. पहला सिरमौर के नौहराधार से होकर और दूसरा शिमला के चौपाल से होकर करीब छह घंटे की चढ़ाई चढ़कर चूड़ेश्वर माहदेव तक पहुंचा जाता है. 11 हजार 965 फीट की ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव की मूर्ति भक्तों को भगवान के साक्षात दर्शन का अनुभव कराती है. वहीं, चूड़ेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचने के बाद शिमला और सिरमौर का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है. हर साल हजारों-लाखों की संख्या में भक्त पैदल चढ़कर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं. जिला शिमला और सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान देवता शिरगुल महाराज (चूड़ेश्वर महादेव) में हिमाचल के साथ पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के जौनसार बाबर के भी लाखों लोगों की आस्था है.
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