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HRTC को नहीं मिल रही सवारियां, सिर्फ 15 प्रतिशत यात्री कर रहे सफर - दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए नहीं मिल रही सवारियां

एचआरटीसी की बसों में 15 प्रतिशत सवारियां ही सफर कर रही हैं. दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर चलने वाली बसें खाली दौड़ रही हैं. बसों में इस तरह घटती सवारी से एक बार फिर एचआरटीसी घाटे में जाने लगी है. आने वाले दिनों में निगम अपने कई रूट बन्द भी कर सकती है.

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Published : Apr 23, 2021, 10:55 PM IST

शिमला: प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों और दिल्ली में लगे लॉकडॉउन का असर एचआरटीसी पर पड़ने लगा है. हालात ऐसे हैं कि एचआरटीसी की बसों में 15 प्रतिशत सवारियां ही सफर कर रही हैं. दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर चलने वाली बसें खाली दौड़ रही हैं.

दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए नहीं मिल रही सवारियां

बता दें कि आमौतर पर दिल्ली और चंडीगढ़ रूट पर चलने वाली बसों की एडवांस में बुकिंग हो जाती थी और कोई भी सीट खाली नही रहती थी, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते लोग लंबी यात्राओं पर जाने से बचने लगे हैं. दिल्ली के लिए शिमला से लगभग 11 वॉल्वो बसें चलती हैं. बीते साल कोरोना काल के बाद जनवरी में ही एचआरटीसी ने अपनी वॉल्वो बस शुरू की थी. कोरोना मामले बढ़ने से अब एक बार फिर एचआरटीसी को दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए सवारी नहीं मिल रही है.

जहां मिलेंगी कम सवारियां, वह रुट किया जाएगा बंद

बसों में इस तरह घटती सवारी से एक बार फिर एचआरटीसी घाटे में जाने लगी है. आने वाले दिनों में निगम अपने कई रूट बन्द भी कर सकती है. इस संबध में एचआरटीसी के डीएम दलजीत सिंह से ने बताया कि सरकार के निर्देश के बाद 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ बसें चलाई जा रही हैं, लेकिन लॉन्ग रूट जैसे दिल्ली-चंडीगढ़ के लिए 15 फीसदी तक ही सवारी मिल रही है. उनका कहना था आने वाले दिनों में जिस रूट पर कम सवारी मिलेगी वह रूट बन्द कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: शिमला: हिमाचल में इस साल करीब 672 हजार मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान

शिमला: प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों और दिल्ली में लगे लॉकडॉउन का असर एचआरटीसी पर पड़ने लगा है. हालात ऐसे हैं कि एचआरटीसी की बसों में 15 प्रतिशत सवारियां ही सफर कर रही हैं. दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर चलने वाली बसें खाली दौड़ रही हैं.

दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए नहीं मिल रही सवारियां

बता दें कि आमौतर पर दिल्ली और चंडीगढ़ रूट पर चलने वाली बसों की एडवांस में बुकिंग हो जाती थी और कोई भी सीट खाली नही रहती थी, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते लोग लंबी यात्राओं पर जाने से बचने लगे हैं. दिल्ली के लिए शिमला से लगभग 11 वॉल्वो बसें चलती हैं. बीते साल कोरोना काल के बाद जनवरी में ही एचआरटीसी ने अपनी वॉल्वो बस शुरू की थी. कोरोना मामले बढ़ने से अब एक बार फिर एचआरटीसी को दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए सवारी नहीं मिल रही है.

जहां मिलेंगी कम सवारियां, वह रुट किया जाएगा बंद

बसों में इस तरह घटती सवारी से एक बार फिर एचआरटीसी घाटे में जाने लगी है. आने वाले दिनों में निगम अपने कई रूट बन्द भी कर सकती है. इस संबध में एचआरटीसी के डीएम दलजीत सिंह से ने बताया कि सरकार के निर्देश के बाद 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ बसें चलाई जा रही हैं, लेकिन लॉन्ग रूट जैसे दिल्ली-चंडीगढ़ के लिए 15 फीसदी तक ही सवारी मिल रही है. उनका कहना था आने वाले दिनों में जिस रूट पर कम सवारी मिलेगी वह रूट बन्द कर दिया जाएगा.

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