शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून कहर बरपा रहा है. प्रदेश में हो रही बारिश सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं सहित लोगों की निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा रही है. प्रदेश में मानसून सीजन में हुई लगातार बारिश से अब तक 199 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, राज्य को ₹6500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. भूस्खलन और बाढ़ से प्रदेश में 8091 परिवारों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए. बारिश से प्रभावित सड़कों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में प्रशासन जुटा हुआ है, लेकिन अभी भी काफी संख्या में सड़कें बंद हैं. प्रदेश में 331 सड़क मार्ग बाधित पड़े हुए हैं, जिससे आवागन में लोगों को दिक्कतें आ रही हैं.
भारी बारिश से ₹6563 करोड़ का नुकसान: हिमाचल प्रदेश में अब तक मानसून से ₹6563 करोड़ का नुकसान आंका गया है. जिसमें लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा ₹2041 करोड़ का नुकसान हुआ है. सैकड़ों सड़कों के साथ करीब 90 पुलों को भी क्षति पहुंची है. जबकि 19 पुल बाढ़ में बह गए. लोक निर्माण विभाग बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली का काम रहा है, लेकिन बारिश से सड़कों की बहाली का काम प्रभावित हो रहा है. कई जगह सड़कों पर फिर से भूस्खलन हो रहा है. प्रदेश में करीब 331 सड़कें अभी भी बंद हैं. इनमें 169 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन और 123 सड़कें मंडी जोन के तहत बंद हो गई हैं. कांगड़ा जोन में 23 और हमीरपुर जोन के तहत 15 सड़कें बंद हो गई हैं.
जल शक्ति विभाग को ₹1629 करोड़ का नुकसान: मानसून में भारी बारिश से पानी की परियोजनाओं को भी काफी क्षति पहुंची है. कई परियोजनाएं भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुई हैं, जल शक्ति विभाग की करीब 15389 परियोजनाओं को बरसात से क्षति पहुंची है. इनमें 7829 पेयजल से संबंधित हैं, जिनमें से करीब 7687 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर दी गई हैं. सिंचाई की 2074 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 198 व सीवरेज की 122 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इसके अलावा करीब 5166 हैंडपंप भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को करीब अब तक ₹1629 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 167 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है.
8091 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त: मानसून में अबकी बार बड़ी संख्या में रिहायशी और अन्य भवन भूस्खलन व फ्लड की चपेट में आ गए. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 8091 परिवारों के आशियाने बारिश से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 774 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. वहीं करीब 254 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. 2337 गौशालाएं भी बारिश में ढह गईं.