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हाईकोर्ट से डिनोटिफाई पर सरकार ने मांगा जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय, अगली सुनवाई 11 अप्रैल को

हिमाचल हाईकोर्ट में डिनोटिफाई और जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र में कार्यालयों को बंद करने को लेकर अब सुनवाई 11 अप्रैल को होगी. सरकार ने कोर्ट से जवाब दायर करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था. उसके बाद कोर्ट ने यह समय दिया है. (Hearing on denotify in High Court on April 11)

Hearing on denotify in High Court on April 11
Hearing on denotify in High Court on April 11
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Published : Apr 5, 2023, 8:07 AM IST

शिमला: हाईकोर्ट में सरकार के विभिन्न कार्यालयों को डिनोटिफाई करने और जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चुनावों से पूर्व खोले गए एसडीएम कार्यालय कोटला बेहड़ और रक्कड़ सहित डाडासीबा ब्लॉक को बंद करने के आदेशों को चुनौती देने से जुड़े मामले में सुनवाई 11 अप्रैल को होगी. नई सरकार की ओर से पिछली सरकार द्वारा कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के आदेशों को कुछ भाजपा नेताओं ने चुनौती दी थी. कोर्ट ने इन सभी याचिकाओं को जनहित याचिका मानते हुए सरकार को नोटिस जारी किए थे.

जवाब दायर करने के लिए मांगा था समय: सरकार की ओर से इन मामलों में जवाब दायर करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने यह अनुमति देते हुए मामले पर सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की. प्रार्थीयों की ओर से याचिका में आरोप लगाया गया है कि नई सरकार ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार द्वारा नए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने का फैसला ले लिया, जबकि कैबिनेट के फैसले को कैबिनेट ही रद्द करने की शक्ति रखती है.

सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत कार्य किया: नई सरकार द्वारा जारी प्रशासनिक आदेशों से कैबिनेट के फैसले को निरस्त नहीं किया सकता. याचिकाओं में दलील दी गई है कि नई सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत कार्य किया है. राज्य सरकार के 12 दिसंबर को जारी प्रशासनिक आदेश को निरस्त करने की गुहार लगाई है. प्रार्थीयों का कहना है कि पूर्व सरकार ने सभी फैसले कैबिनेट के माध्यम से कानून के दायरे में रहकर लिए थे. 12 दिसंबर को राज्य सरकार ने अप्रैल 2022 के बाद खोले गए अनेकों संस्थानों को बंद करने के आदेश पारित किए है. प्रार्थीयों की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि नई सरकार द्वेष की भावना से कार्य कर रही है.

ये भी पढ़ें : सियासी प्रभाव से मनपसंद स्टेशनों पर नियुक्ति चाह रहे थे फार्मासिस्ट, हाई कोर्ट ने सिखाया अनूठा सबक

शिमला: हाईकोर्ट में सरकार के विभिन्न कार्यालयों को डिनोटिफाई करने और जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चुनावों से पूर्व खोले गए एसडीएम कार्यालय कोटला बेहड़ और रक्कड़ सहित डाडासीबा ब्लॉक को बंद करने के आदेशों को चुनौती देने से जुड़े मामले में सुनवाई 11 अप्रैल को होगी. नई सरकार की ओर से पिछली सरकार द्वारा कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के आदेशों को कुछ भाजपा नेताओं ने चुनौती दी थी. कोर्ट ने इन सभी याचिकाओं को जनहित याचिका मानते हुए सरकार को नोटिस जारी किए थे.

जवाब दायर करने के लिए मांगा था समय: सरकार की ओर से इन मामलों में जवाब दायर करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने यह अनुमति देते हुए मामले पर सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की. प्रार्थीयों की ओर से याचिका में आरोप लगाया गया है कि नई सरकार ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार द्वारा नए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने का फैसला ले लिया, जबकि कैबिनेट के फैसले को कैबिनेट ही रद्द करने की शक्ति रखती है.

सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत कार्य किया: नई सरकार द्वारा जारी प्रशासनिक आदेशों से कैबिनेट के फैसले को निरस्त नहीं किया सकता. याचिकाओं में दलील दी गई है कि नई सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत कार्य किया है. राज्य सरकार के 12 दिसंबर को जारी प्रशासनिक आदेश को निरस्त करने की गुहार लगाई है. प्रार्थीयों का कहना है कि पूर्व सरकार ने सभी फैसले कैबिनेट के माध्यम से कानून के दायरे में रहकर लिए थे. 12 दिसंबर को राज्य सरकार ने अप्रैल 2022 के बाद खोले गए अनेकों संस्थानों को बंद करने के आदेश पारित किए है. प्रार्थीयों की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि नई सरकार द्वेष की भावना से कार्य कर रही है.

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