शिमला: कोरोना वायरस से निपटने के लिए हिमाचल सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है और बाहरी राज्यों खासकर नेपाल से आने वाले लोगों की जांच करने की बात कर रही है, लेकिन हकीकत और ही बयां कर रही है.
राजधानी शिमला स्थित आईएसबीटी बस अड्डा पर स्वास्थ्य विभाग की ओर जांच टीम तैनात की गई है, लेकिन इस टीम के पास जांच करने के नाम पर थर्मामीटर तक नहीं है. स्वास्थ्य अधिकारी बसों से उतरने वाले यात्रियों से सिर्फ सर्दी-खांसी होने की जानकारी ही जुटा रहे हैं. जांच टीम के पास सेनिटाइजर भी नहीं है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच के लिए डॉक्टर नहीं बल्कि तीन मल्टीपर्पज कर्मियों को तैनात किया है. ये कर्मी सुबह 6 बजे से 10 बजे तक बाहरी राज्यों की बसों से आने वाले यात्रियों से सिर्फ सर्दी-खांसी के बारे में ही जानकारी लेते हैं. यात्रियों की स्क्रिनिंग तक कि सुविधा नहीं है. हालांकि सरकार द्वारा बस अड्डों पर पूरी तरह से जांच के दावे किए गए हैं, लेकिन जांच के नाम पर स्वास्थ्य विभाग खाना पूर्ति ही कर रह है.
बस अड्डा पर तैनात कर्मियों का कहना है कि उन्हें केवल यात्रियों से जुकाम, खांसी जैसी समस्या के बारे में ही पूछने के निर्देश हैं. किसी यात्री को ऐसी समस्या होती है तो उन्हें 104 पर फोन कर आइजीएमसी भेजा जाता है. उनका कहना है कि जांच के लिए कुछ नहीं दिया गया है.
बता दें कोरोना वायरस के चलते सरकार ने शिक्षण संस्थानों में 31 मार्च तक छुट्टी कर दी है. सरकार ने प्रदेश में किसी भी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी है.