शिमला: वायरल ऑडियो मामले में निलंबित हुए स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अजय गुप्ता को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. गुप्ता को मंगलवार को शिमला में विशेष जज (वन) की अदालत में पेश किया गया. स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने अदालत से डॉ. गुप्ता को पुलिस रिमांड में भेजने की मांग की.
जांच एजेंसी विजिलेंस के अफसरों ने रिमांड के लिए अदालत के सामने कई तर्क रखे. बाद में अदालत ने डॉ. गुप्ता को पांच दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया. वहीं, निलंबित स्वास्थ्य निदेशक ने अदालत में नए सिरे से जमानत की याचिका दाखिल की है. गुप्ता की याचिका पर 28 मई को सुनवाई होगी.
पुलिस रिमांड में भेजे जाने के बाद विजिलेंस अब निलंबित निदेशक से कड़ाई से पूछताछ करेगी. विजिलेंस ये भी जानने का प्रयास करेगी कि अस्पताल में दाखिल होने के बाद गुप्ता ने किस-किस के फोन से कहां-कहां बात की. उल्लेखनीय है कि निलंबित स्वास्थ्य निदेशक को सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था.
करीब छह दिन पहले आधी रात को विजिलेंस ने गुप्ता को हिरासत में ले लिया था. पूछताछ के दौरान डॉ. गुप्ता ने जांच एजेंसी को गुमराह करने का प्रयास किया. कई सवालों का जवाब नहीं दिया और कई बार भूलने का बहाना किया. इसके बाद विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गुप्ता ने स्वास्थ्य खराब होने की शिकायत की तो उन्हें आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती किया गया.
सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद विजिलेंस ने उन्हें सब जेल कैथू भेजा. मंगलवार को अदालत में पेश किया गया तो जज ने उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. दिलचस्प रहेगा कि पूछताछ में अजय गुप्ता क्या खुलासे करते हैं. इस घूसकांड से प्रदेश सरकार में हलचल है. विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले में सरकार को घेर रही है. वहीं, भाजपा के भीतर भी अपनी ही सरकार के खिलाफ उंगलियां उठ रही हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले एक ऑडियो वायरल हुआ था. ऑडियो में अजय गुप्ता की आवाज होने का दावा किया गया. 40 सेकेंड के इस ऑडियो में स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद को लेकर 5 लाख रूपये के लेन देन की बात की जा रही थी. विजिलेंस के एडीजी अनुराग गर्ग के अनुसार निलंबित स्वास्थ्य निदेशक को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया. गुप्ता ने नए सिरे से कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी है, जिस पर 28 मई को सुनवाई होगी.