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हाटी समुदाय और सरकार के बीच बैठक रही बेनतीजा, समिति ने आरक्षण मामले पर सहमति नहीं बनने पर किया हंगामा

सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का मामला फिर तूल पकड़ने लगा है. आज राज्य सचिवालय में जनजातीय विकास विभाग के मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में खूब हंगामा हुआ. केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारियों ने बैठक में सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए नारेबाजी करना शुरू कर दिया. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 9:24 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिले के हाटी समुदाय और सरकार के बीच हाटी आरक्षण मामले पर शनिवार को आयोजित हुई बैठक बेनतीजा रही है. शिमला में आयोजित राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में हाटी आरक्षण मामले पर कोई नतीजा न निकलने पर नाराज समिति के सदस्य मंत्री के कमरे से नारेबाजी करते हुए बाहर निकले.

इस दौरान समिति ने आरोप लगाया सरकार की मंशा आरक्षण को लागू करने की नहीं लग रही हैं. इस बैठक में ऐसे लोगों को बुलाया गया था जो स्टेक होल्डर ही नहीं है. समिति ने सरकार को सात दिनों में आरक्षण को लागू कर सर्टिफिकेट जारी करने का अल्टीमेटम दिया है. इसके बाद भी अगर सरकार ने आरक्षण को लेकर उचित निर्णय नहीं लिया तो हाटी समुदाय सड़कों में उतर कर विरोध प्रदर्शन करेगा. इस बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान भी उपस्थित थे.

राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी का कहना है कि सिरमौर जिले के हाटी समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने के लिए कठिन एवं लंबा संघर्ष किया है. सरकार उन्हें हक जल्द से जल्द दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार की ओर से ट्रांस गिरि क्षेत्र के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में जो अधिसूचना जारी की गयी है, इसमें अस्पष्टता के चलते प्रदेश सरकार ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है.

केंद्र ने संपूर्ण हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है, जिसमें अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अन्य वर्ग भी शामिल हैं. जगत सिंह नेगी ने कहा कि कुछ वर्ग ऐसे हैं जो पूर्व में चली आ रही व्यवस्था का हिस्सा बना रहना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से सभी को अनुसूचित जनजाति के दायरे में लाया गया है. उन्होंने कहा इस संबंध में केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है. ताकि हाटी समुदाय की समस्याओं एवं मांगों को लेकर शीघ्र समाधान निकला जा सके.

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा जनजातीय विकास विभाग से कानूनी प्रावधानों के तहत हाटी समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति का प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रदान के विकल्प तलाशने को कहा गया है. ताकि उन्हें अनुसूचित जनजाति के तहत मिल रही सुविधाएं मिल सके. उन्होंने कहा सरकार सभी वर्गों को अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान करेगी. उसी के आधार पर आगामी नीति तैयार की जाएगी. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि इस मुद्दे को राजनीतिक दृष्टि से न देखें. यह सुनिश्चित करें कि सभी समुदायों में आपसी भाईचारे एवं सौहार्द की भावना बनी रहे. इस मुद्दे पर केंद्रीय नेतृत्व से बात की जाएगी और स्थायी हल निकला जाएगा.

केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारी रमेश सिंगटा का कहना है कि सरकार के साथ आरक्षण को लागू करने को लेकर हुई बैठक बेनतीजा रही है. उन्होंने कहा सरकार की मंशा आरक्षण को लागू करने की नहीं लग रही हैं. केंद्र सरकार ने 4 अगस्त को कानून को लागू कर दिया था. ये प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में पास हुआ था. जिसमें किसी भी दल ने हाटी समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का विरोध नहीं किया था, लेकिन प्रदेश सरकार की मंशा आरक्षण को लागू करने की नहीं लग रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को सात दिन की मोहलत दी गई है. अगर इस अवधि में समुदाय के लोगों को सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए तो सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर विरोध किया जाएगा.

ये भी पढें: 'भाजपा वालों ने काला चश्मा पहन रखा है, इसलिए उन्हें विकास दिखाई नहीं दे रहा'

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिले के हाटी समुदाय और सरकार के बीच हाटी आरक्षण मामले पर शनिवार को आयोजित हुई बैठक बेनतीजा रही है. शिमला में आयोजित राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में हाटी आरक्षण मामले पर कोई नतीजा न निकलने पर नाराज समिति के सदस्य मंत्री के कमरे से नारेबाजी करते हुए बाहर निकले.

इस दौरान समिति ने आरोप लगाया सरकार की मंशा आरक्षण को लागू करने की नहीं लग रही हैं. इस बैठक में ऐसे लोगों को बुलाया गया था जो स्टेक होल्डर ही नहीं है. समिति ने सरकार को सात दिनों में आरक्षण को लागू कर सर्टिफिकेट जारी करने का अल्टीमेटम दिया है. इसके बाद भी अगर सरकार ने आरक्षण को लेकर उचित निर्णय नहीं लिया तो हाटी समुदाय सड़कों में उतर कर विरोध प्रदर्शन करेगा. इस बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान भी उपस्थित थे.

राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी का कहना है कि सिरमौर जिले के हाटी समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने के लिए कठिन एवं लंबा संघर्ष किया है. सरकार उन्हें हक जल्द से जल्द दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार की ओर से ट्रांस गिरि क्षेत्र के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में जो अधिसूचना जारी की गयी है, इसमें अस्पष्टता के चलते प्रदेश सरकार ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है.

केंद्र ने संपूर्ण हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है, जिसमें अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अन्य वर्ग भी शामिल हैं. जगत सिंह नेगी ने कहा कि कुछ वर्ग ऐसे हैं जो पूर्व में चली आ रही व्यवस्था का हिस्सा बना रहना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से सभी को अनुसूचित जनजाति के दायरे में लाया गया है. उन्होंने कहा इस संबंध में केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है. ताकि हाटी समुदाय की समस्याओं एवं मांगों को लेकर शीघ्र समाधान निकला जा सके.

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा जनजातीय विकास विभाग से कानूनी प्रावधानों के तहत हाटी समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति का प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रदान के विकल्प तलाशने को कहा गया है. ताकि उन्हें अनुसूचित जनजाति के तहत मिल रही सुविधाएं मिल सके. उन्होंने कहा सरकार सभी वर्गों को अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान करेगी. उसी के आधार पर आगामी नीति तैयार की जाएगी. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि इस मुद्दे को राजनीतिक दृष्टि से न देखें. यह सुनिश्चित करें कि सभी समुदायों में आपसी भाईचारे एवं सौहार्द की भावना बनी रहे. इस मुद्दे पर केंद्रीय नेतृत्व से बात की जाएगी और स्थायी हल निकला जाएगा.

केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारी रमेश सिंगटा का कहना है कि सरकार के साथ आरक्षण को लागू करने को लेकर हुई बैठक बेनतीजा रही है. उन्होंने कहा सरकार की मंशा आरक्षण को लागू करने की नहीं लग रही हैं. केंद्र सरकार ने 4 अगस्त को कानून को लागू कर दिया था. ये प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में पास हुआ था. जिसमें किसी भी दल ने हाटी समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का विरोध नहीं किया था, लेकिन प्रदेश सरकार की मंशा आरक्षण को लागू करने की नहीं लग रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को सात दिन की मोहलत दी गई है. अगर इस अवधि में समुदाय के लोगों को सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए तो सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर विरोध किया जाएगा.

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