शिमला/रामपुर: हिमाचल के सेब बहुल्य इलाकों में ओलावृष्टि का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. ओलावृष्टि होने से सेब के पौधों को भारी नुकसान हुआ है. बागवानों की मेहनत मिट्टी में मिल गई है.
कोरोना महामारी के कारण बागवान भी जूझ रहे है. बागवानों को इस समय न तो मजदूर मिल रहे हैं और न ही दवाइयां. इस बार फ्लावरिंग के लिए मधुमक्खियों के प्रांगण का भी अभाव रहा. ओलावृष्टि होने से सेब की पेटियां बर्बाद हो रही है. इसके साथ-साथ गुठलीदार फलों को भी ओलावृष्टि से काफी असर हुआ है. ऐसे में प्रभावित क्षेत्रों के किसान, बागवान के लिए साल गुजारना मुश्किल हो गया है.
ओलावृष्टि होने से सेब की पेटियां बर्बाद हो रही है. गुरूवार दोपहर बाद भी तूफान के साथ भारी बारिश हुई है. लगातार क्षेत्र में हो रही बारिश से बागवानों व किसानों की परेशानियां बढ़ गई है. वहीं, तापमान में भी गिरावट गिरावट दर्ज की गई है. सेब बागवानों पर कोरोना के साथ मौसम की दोहरी मार पड़ी है.
बता दें कि हिमाचल के किसानों-बागवानों को अभी तक बारिश व ओलावृष्टि से 37 करोड़ का नुकसान हो चुका है. ऊपरी इलाकों में ओलावृष्टि से सेब व अन्य फलों को भारी नुकसान पहुंचा है जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश से गेंहू की फसल पर मार पड़ रही है.