शिमला: प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में दिसंबर महीने में छात्रों की परीक्षाएं होनी है, और स्कूलों में शिक्षक अन्य गैर शैक्षिक कार्य में ही उलझे हुए हैं. जिस वक्त स्कूलों में छात्रों को पढ़ाई की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है उस दौरान शिक्षक छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं.
बता दें कि स्कूलों में दिसंबर महीने में दसवीं और बाहरवीं कक्षा की परीक्षाएं होनी है. इसके साथ ही प्री-बोर्ड परीक्षाओं की डेटशीट भी जारी कर दी गई है. ऐसे में शिक्षकों के प्रशिक्षण और गैर शिक्षक कार्यों का हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने विरोध जताया है. उन्होंने इस मामले में प्रधान सचिव शिक्षा से मुलाकात की है.
शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षा विभाग और सर्व शिक्षा अभियान/राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे है. स्कूलों से पांच-पांच शिक्षकों को एसएसए/आरएमएसए के तहत 5 दिनों का शिक्षक प्रशिक्षण देने के निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसी स्थिति में शिक्षक बच्चों को परीक्षाओं की तैयारी सही ढंग से नहीं करवा पा रहे हैं.
संघ ने मांग उठाई है कि शिक्षकों को इस तरह के अतिरिक्त कार्यों से हटाया जाना चाहिए, जिससे शिक्षक बेहतर रिजल्ट स्कूलों में दे सकें. वीरेंद्र चौहान ने कहा कि एक तरफ विभाग शिक्षकों से अच्छी रिजल्ट की अपेक्षा करता है और वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में उलझाया हुआ है.
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि कहा कि इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये का विरोध जताते हुए संघ ने शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के साथ ही एसपीडी कार्यालय से मांग की है कि इस तरह के शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम दिसंबर महीन तक नहीं किए जाने चाहिए.