शिमला: बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया रेप मर्डर मामले से जुड़े सूरज लॉकअप हत्याकांड मामले में हिरासत में चल रहे पूर्व शिमला एसपी डीडब्ल्यू नेगी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को जज सुरेश्वर ठाकुर की अदालत में सुनवाई हुई.जज ने इस दौरान दोनों पक्षों को सुनते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा. कोर्ट कभी भी पूर्व एसपी की बेल को लेकर फैसला सुना सकती है. सूत्रों के अनुसार, पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी पर झूठी एफआईआर बनाने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने, तथ्यों को छुपाने और पकड़े गए कथित आरोपी राजू के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप है.
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कुछ लोगों को गवाह भी बनाया है. इनमें पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हैं. कोटखाई में छात्रा के साथ हुई दरिंदगी व मर्डर के दौरान डीडब्लयू नेगी शिमला में एसपी थे. मामले में गिरफ्तार एक आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में पूछताछ के दौरान मौत हो गई थी. घटना के बाद केस सीबीआई को सौंपा गया था. सीबीआई ने शिमला के तत्कालीन एसपी डीडब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार किया था. बता दें कि गुड़िया चार जुलाई 2017 को स्कूल से घर लौटते समय लापता हो गई थी. छह जुलाई को उसक शव संदिग्ध हालत में जंगल से बरामद हुआ था.
पुलिस ने मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन कोटखाई पुलिस लॉकअप में एक आरोपी सूरज की कस्टोडियल डेथ हो गई थी. इसके बाद लोगों के दवाब के बीच ये मामला सीबीआई को सौंपा गया. इसके लिए राज्य सरकार खुद हाईकोर्ट गई थी और वहां अर्जी लगाकर मामले को सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया था. सीबीआई ने सूरज की हत्या के आरोप में प्रदेश पुलिस के आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया था.