शिमला: हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव घोषित होने के बाद राज्य की विभिन्न पंचायतों में प्रधान-उपप्रधान आदि ने साढ़े चार करोड़ रुपए से अधिक की रकम जमा नहीं करवाई है. इस रकम की वसूली के लिए सरकार नियमों के तहत नोटिस जारी करेगी.
पंचायतों के तत्कालीन प्रधानों, उप-प्रधान और सदस्यों से पांच करोड़, 39 लाख, 93 हजार 980 रूपए की राशि वसूली जानी थी. इसमें से 85 लाख, 28 हजार 899 रूपए की राशि रिकवर कर ली गई है. शेष राशि की वसूलने की प्रक्रिया जारी है. पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि पंचायतीराज अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक यदि कोई दोषी पंचायत प्रतिनिधि राशि को वापस नहीं करता है तो उसकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा. साथ ही उनसे 12.50 फीसदी ब्याज भी वसूला जाएगा.
विधायक इंद्र सिंह ने किया था सवाल
सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने सवाल किया था कि कितने जन प्रतिनिधियों से पैसे वसूल किए जाने हैं? पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि जिन्होंने दूसरी बार चुनाव लड़ा है उन्होंने पैसों की अदायगी कर दी है.उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम में प्रावधान है कि कोई भी वसूली तब तक नहीं की जाएगी जब तक उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया जाता. इसके तहत तीन बार नोटिस जारी किए जाते हैं. गलत रिकवरी डाली गई हो तो वह अपना पक्ष रख सकते हैं. उसके बाद जब बिल व बाउचर जमा हो जाते हैं तो रिकवरी की प्रक्रिया नहीं होती.
पंचायती राज एक्ट के तहत एक्शन लेगी सरकार
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज एक्ट के तहत एक्शन लेगी. तहसीलदार रिकवरी करेंगे. इसके लिए 31 मार्च 2010 की अधिसूचना के अनुसार आरोपित पक्ष से 12.5 प्रतिशत ब्याज वसूल किया जाएगा. अगर ब्याज नहीं दिया तो उस सूरत में तहसीलदार इनकी संपत्ति अटैच करेंगे. नियमों के अनुसार तीन बार नोटिस देने की औपचारिकता पूरी की जाती है.
सुंदर सिंह ने उठाया कुंगश पंचायत का मामला
वहीं, कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने अनुपूरक सवाल करते हुए आनी विकास खंड की कुंगश पंचायत में विकास कार्यों में हुई अनियमितताओं का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि 23 कामों के तहत 17 लाख रूपए के गबन का मामला सामने आ चुका है. इस पर मंत्री ने जांच की बात कही.