शिमला: पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने इलेक्ट्रिक बसों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जिस प्रकार एचआरटीसी में इलेक्ट्रिक बसों को चलाने की बात कर रही है वह भी अपने आप में व्यवहारिक निर्णय नजर नहीं आ रहा है. उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक बसों के बड़े बेड़े को चलाने के लिए पहले इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने की जरूरत है ,जोंकि अभी प्रदेश में उपलब्ध नहीं है. ऐसे में सरकार का मुख्य ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की ओर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि एचआरटीसी प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए है. ऐसे मे कई रूटों पर सवारियां काम होने पर भी चलाई जाती है. घाटे वाले रूटों को बंद करना भी उचित नहीं होगा.
जसवां-प्रागपुर के साथ भेदभाव का आरोप: भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर उनके क्षेत्र जसवां-प्रागपुर के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में पूर्व में स्थापित किए गए कार्यालयों को शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही ,जबकि यह क्षेत्र के अनुसार व्यवहारिक नहीं है. उनका कहना है कि यदि सरकार अन्य क्षेत्रों में कार्यालय खोलना चाहती है तो वहां दूसरे कार्यालय खोले जा सकते हैं, लेकिन उनके क्षेत्र से कार्यालयों को उठाकर दूसरी जगह स्थापित करना क्षेत्र के साथ भेदभाव को दर्शाता है.इसके अलावा एसडीएम कार्यालय भी इस सरकार ने बंद कर दिए.
सड़कों पर किया जाएगा आंदोलन: उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा 103 किलोमीटर लंबी है ,जिसको देखते हुए कोटला में पीडब्ल्यूडी डिवीजन खोला गया था. इसके लिए भवन निर्माण के लिए जमीन भी पूर्व सरकार में चिन्हित की गई थी, लेकिन इस सरकार के 6 महीने के कार्यकाल में भवन निर्माण के लिए टेंडर प्रकिया नहीं होने दी जा रही.उन्होंने कहा कि यदि इस तरह से उनके विधानसभा क्षेत्र में कार्यालयों को शिफ्ट और बंद करने का सिलसिला बंद नहीं किया गया तो आने वाले समय में सड़कों पर उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी बात की गई है और यदि इसको लेकर उचित कार्रवाई नहीं की जाती है तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
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