शिमला : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस बार मंगलवार को धूमधाम से जन्मदिन नहीं मना रहे हैं. वहीं, उन्हें शुभकामानाएं देने वाले भी नहीं उनके निवास जाकर शुभकामनाएं नहीं दे पाएंगे. कोरोना संकट को चलते सादगी के साथ अपने परिवार के साथ ही वीरभद्र सिंह जन्मदिन मनाएंगे. लोगों से जन्मदिन की बधाई फोन पर देने की अपील की गई .वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बताया 23 जून को उनके पिता वीरभद्र सिंह का जन्मदिन हैं.
उनके जन्मदिन पर हर बार प्रदेश से लोग शुभकामनाएं देने पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग निवास स्थान पर नहीं आकर फोन के माध्यम से ही शुभकामनाएं देने का आग्रह किया गया. जानकारी के मुताबिक वीरभद्र सिंह का मंगलवार को 87 वां जन्मदिन मनाएंगे. हर साल उनके निवास स्थान पर धूमधाम से जन्मदिन मनाया जाता रहा, लेकिन इस बार अपने परिवार के साथ ही वीरभद्र सिंह जन्मदिन मनाएंगे.
वीरभद्र सिंह प्रदेश के छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वीरभद्र सिंह ने पहली बार वर्ष 1962 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और 25 साल की उम्र में लोकसभा पहुंचे. उसके बाद 1967 और 1971 के में भी जीत दर्ज की. 1976 और 1977 के बीच वीरभद्र सिंह को केंद्र में पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में उपमंत्री बनाया गया. 1980 में वीरभद्र सिंह ने फिर चुनाव लड़ा और सांसद चुने गए. उन्हें इस दौरान केंद्र में राज्य उद्योग मंत्री बनाया गया. इसके बाद वीरभद्र सिंह ने प्रदेश राजनीति की. 1983 में वह जुब्बल - कोटखाई सीट से उपचुनाव जीते और प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
इसके बाद 1985 के विधानसभा चुनावों में वीरभद्र सिंह ने जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. रोहडू विधानसभा क्षेत्र से 1990, 1993 , 1998 और 2003 में विधानसभा चुनाव जीते. वर्ष 1998 से लेकर 2003 तक वह नेता विपक्ष भी रहे. 2003 में वह फिर से सीएम की कुर्सी पर काबिज हुए. वर्ष 2012 में वह छठी बार हिमाचल के सीएम चुने गए. इस समय में भी वह अर्की विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.
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