शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रिज मैदान पर जल्द पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगेगी. इसको लेकर नगर निगम को जल्द जगह चयनित करने के निर्देश दिए गए हैं. उनकी प्रतिमा नगर निगम या सरकारी खर्च से नहीं, बल्कि उनके समर्थक अपने पैसों से प्रतिमा तैयार करेंगे. इसके लिए भूमि पूजन 23 जून को स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के जन्मदिन पर करने की तैयारी की जा रही है.
23 जून से पहले जगह चयनित करने के निर्देश: दरअसल, मंगलवार को नगर निगम की मासिक बैठक में पार्षदों ने वीरभद्र सिंह की प्रतिमा जल्द लगाने की मांग उठाई. वही सदन में मौजूद विधायक हरीश जनारथा ने भी नगर निगम के अधिकारियों को 23 जून से पहले ही जगह चयनित कर देने के निर्देश दिए. शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने कहा रिज मैदान में स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाने को लेकर पूर्व नगर निगम की बैठक में पहले ही प्रस्ताव पारित किया गया है, लेकिन जगह का चयन नहीं किया गया है. अब 23 जून को स्वर्गीय वीरभद्र सिंह का जन्मदिन है. ऐसे में उसी दिन मूर्ति लगाने को लेकर भूमि पूजन किया जाएगा. उन्होंने कहा इस प्रतिमा को लगाने के लिए सरकारी खर्चा नहीं हो रहा है, बल्कि उनके समर्थक इसको लेकर पैसा इकट्ठा करेंगे और उनकी प्रतिमा को तैयार किया जाएगा.
लंबे समय से प्रतिमा लगाने की उठ रही मांग: बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का 8 जुलाई 2021 को निधन हुआ था. उनके निधन के बाद से समर्थक शिमला के रिज मैदान पर उनकी प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे थे. इसको लेकर नगर निगम ओर जिला परिषद की बैठक में बाकायदा प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा गया था, लेकिन सत्ता पर भाजपा काबिज थी. जिसके चलते प्रतिमा लगाने की कवायद शुरू नहीं हो पाई. अब प्रदेश में कांग्रेस सरकार है, ऐसे में जल्द ही वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाई जाएगी.
वीरभद्र सिंह का सियासी सफर: बता दे पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को शिमला जिले के सराहन में बुशहर रियासत के शाही परिवार में हुआ था. उनकी स्कूली शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. छह बार हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 1962 से महासू लोकसभा क्षेत्र से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. पहली बार महासू से चुनकर तीसरी लोकसभा के सदस्य बने.
14 बार चुनाव लड़े थे वीरभद्र सिंह: वीरभद्र सिंह ने अपने 60 साल के राजनीतिक सफर के दौरान 14 चुनाव लड़े. वे आठ बार विधायक, छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे. वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1971, 1980 और 2009 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. इसके अलावा वे 1983, 1985, 1990, 1993, 1998, 2003, 2009, 2012 और 2017 में विधायक रहे. 1983, 1985, 1993, 1998, 2003 और 2012 में उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया.
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