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हिमाचल में प्राकृतिक खेती की ओर तेजी से बढ़ा रूझान, राज्य में 1.59 लाख किसान कर रहे Natural Farming

Natural Farming in Himachal: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती की ओर तेजी से किसानों को रूझान बढ़ रहा है. राज्य में इस वक्त 19,320 हेक्टेयर भूमि पर करीब 1.59 लाख किसान एवं बागवान विभिन्न फसलों का उत्पादन कर रहे हैं.

हिमाचल में प्राकृतिक खेती
हिमाचल में प्राकृतिक खेती
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Published : Mar 17, 2023, 9:18 AM IST

शिमला: हिमाचल के किसान प्राकृतिक खेती को अपना रहे है. हिमाचल में काफी संख्या में किसान इस खेती की ओर बढ़ रहे हैं. राज्य में मौजूदा समय में 19,320 हेक्टेयर भूमि पर करीब 1.59 लाख किसान एवं बागवान विभिन्न फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला के साथ कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में यह जानकारी दी गई. राज्यपाल ने इस बैठक राज्य में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यान्वयन से संबंधित विस्तृत जानकारी ली.

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में प्राकृतिक उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी हुई है और किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में कृषि विश्वविद्यालयों के साथ कृषि प्रौद्योगिकी विकास में भागीदारी, इनकी ब्रैंडिंग और पैकिंग विकास और छात्रों और प्रशिक्षुओं के लिए फैलोशिप कार्यक्रम जैसे इनोवेटिव कदम प्रभावी साबित हो रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश रसायन मुक्त कृषि की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम कृषि उत्पाद, पर्यावरण संरक्षण के साथ ही किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर दाम भी सुनिश्चित किए जा सकें.

हिमाचल के सभी जिलों में किसान कर रहे प्राकृतिक खेती: कृषि विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में किसान प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं. राज्य में अभी तक 19,320 हैक्टेयर भूमि पर लगभग 1.59 लाख किसान एवं बागवान विभिन्न फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. कृषि सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल को प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसान प्रमुख रूप से इस पद्धति की ओर आकर्षित हो रहे हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष-2023 के उपलक्ष्य में राज्यपाल को विभाग द्वारा तैयार टेबल कैलेंडर, व्यंजन विधि पुस्तिकाएं और विवरणिकाएं भी भेंट कीं.

इस अवसर पर प्राकृतिक खेती की राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनोज गुप्ता ने योजना पर प्रेजेंटेशन दी और राज्यपाल को इसकी प्रगति और प्रभावों से अवगत करवाया. राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, प्राकृतिक खेती के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर, कृषि निदेशक डॉ. राजेश कौशिक, संयुक्त निदेशक रविंदर सिंह जसरोटिया सहित अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के टूरिज्म सेक्टर में बहार, कोरोना की मार से उबरा पर्यटन कारोबार, 2022 में आए डेढ़ करोड़ से अधिक सैलानी

शिमला: हिमाचल के किसान प्राकृतिक खेती को अपना रहे है. हिमाचल में काफी संख्या में किसान इस खेती की ओर बढ़ रहे हैं. राज्य में मौजूदा समय में 19,320 हेक्टेयर भूमि पर करीब 1.59 लाख किसान एवं बागवान विभिन्न फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला के साथ कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में यह जानकारी दी गई. राज्यपाल ने इस बैठक राज्य में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यान्वयन से संबंधित विस्तृत जानकारी ली.

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में प्राकृतिक उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी हुई है और किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में कृषि विश्वविद्यालयों के साथ कृषि प्रौद्योगिकी विकास में भागीदारी, इनकी ब्रैंडिंग और पैकिंग विकास और छात्रों और प्रशिक्षुओं के लिए फैलोशिप कार्यक्रम जैसे इनोवेटिव कदम प्रभावी साबित हो रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश रसायन मुक्त कृषि की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम कृषि उत्पाद, पर्यावरण संरक्षण के साथ ही किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर दाम भी सुनिश्चित किए जा सकें.

हिमाचल के सभी जिलों में किसान कर रहे प्राकृतिक खेती: कृषि विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में किसान प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं. राज्य में अभी तक 19,320 हैक्टेयर भूमि पर लगभग 1.59 लाख किसान एवं बागवान विभिन्न फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. कृषि सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल को प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसान प्रमुख रूप से इस पद्धति की ओर आकर्षित हो रहे हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष-2023 के उपलक्ष्य में राज्यपाल को विभाग द्वारा तैयार टेबल कैलेंडर, व्यंजन विधि पुस्तिकाएं और विवरणिकाएं भी भेंट कीं.

इस अवसर पर प्राकृतिक खेती की राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनोज गुप्ता ने योजना पर प्रेजेंटेशन दी और राज्यपाल को इसकी प्रगति और प्रभावों से अवगत करवाया. राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, प्राकृतिक खेती के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर, कृषि निदेशक डॉ. राजेश कौशिक, संयुक्त निदेशक रविंदर सिंह जसरोटिया सहित अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे.

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