शिमला: प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को समाज से जोड़ने के लिए विभाग द्वारा शुरू की गई 'हर हाथ को काम की पहल' देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बनी हुई है. प्रदेश के विभिन्न जेलों में सजा काट रहे कैदियों के अंदर उनकी कला को तराश कर उसे उजागर करने के लिए हिमाचल प्रदेश कारागार विभाग लगातार काम कर रहा है.
इसी कड़ी में शिमला में कैदियों द्वारा जेल में तैयार किये गए उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए विभाग ने तीन दिवसीय प्रदर्शनी लगाई है. ये प्रदर्शनी 19 से 22 फरवरी तक लगाई गई है. इस प्रदर्शनी में जिला एवं मुक्त कारागार चंबा, धर्मशाला, आदर्श केंद्रीय कारागार नाहन और कंडा जेलों में रह रहे कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पाद प्रदर्शनी में लगाए गए हैं.
प्रदर्शनी का शुभारंभ जेल विभाग के डीजीपी सोमेश गोयल की धर्मपत्नी डॉ. सविता गोयल ने किया. प्रदर्शनी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जेल विभाग द्वारा कैदियों के उत्थान के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं. प्रदेश की विभिन्न जेलों में कैदी कई तरह के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. इसके माध्यम से कैदी अपनी प्रतिभा दिखाने के साथ साथ अच्छी कमाई कर रहे हैं. साथ ही कैदियों का आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है. इसके माध्यम से उन्हें समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है.
इस प्रदर्शनी का मकसद कैदियों को रोजगार देना है, ताकि वे सजा पूरी होने पर अपने आप को समाज में फिर से पुनर्स्थापित कर सके. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की जेलों में सजा काट रहे कैदियों को रोजगार और सुधार के लिए कई तरह के कार्यक्रम शुरू किये गए हैं, जिससे कैदी सजा के दौरान भी अपने परिवार का पेट पाल सके और खुद को समाज से जुड़ा हुआ महसूस कर सके.
बता दें कि इस प्रदर्शनी में सभी जिलों की जेलों में तैयार किए हुए कई तरह के बेकरी बिस्किट, चॉकलेट, बादाम, लकड़ी व लोहे का फर्नीचर, कपड़े, सदरी, मॉडल किचन सेट, महाराजा सोफा समेत कई वैरायटी लगाई गई है.
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