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47 हजार रुपये तक बिका 'पहाड़ का जहाज', 6 नवंबर तक चलेगी प्रदर्शनी - चामूर्ति घोड़े

शिमला के रामपुर में हर साल होने वाली अश्व प्रदर्शनी सोमवार से शुरू हो चुकी है. प्रदर्शनी में पिन वैली से लाए गए चामूर्ति घोड़े आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे.

Exhibition of chamurti horses at Rampur Lavi Fair
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Published : Nov 5, 2019, 9:26 AM IST

रामपुर: राजधानी शिमला के रामपुर में हर साल होने वाली अश्व प्रदर्शनी सोमवार से शुरू हो चुकी है. प्रदर्शनी में पिन वैली से लाए गए चामूर्ति घोड़े आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे. इन घोड़ों को पहाड़ा का जहाज भी कहा जाता है.

चामूर्ति घोड़ा रामपुर लवी मेले का विशेष आकर्षण है. प्रदर्शनी में सबसे महंगा घोड़ा 47 हजार रुपये में बिका. रामपुर में होने वाली इस अश्व प्रदर्शनी में दूर-दूर से व्यापारी पहुंचते हैं. पिन वैली से चामूर्ति घोड़े लेकर व्यापारी रामलाल ने कहा कि वह अपने साथ जितने भी घोड़े लाया था सब बिक चुके हैं.

बता दें कि यह अश्व प्रदर्शनी 4 से 6 नवंबर तक चलेगी. 6 नवंबर को घोड़ों के बीच कई प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. गुब्बार फोड़, घुड़दौड़ प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण रहेंगी. इस प्रदर्शनी में पशु पालन विभाग अश्व पालकों को घोड़ों के रखरखाव और उनके पालन संबंधी कई प्रकार की जानकारियां भी देगा.

बता दें कि चामूर्ति घोड़ों को स्पीति घोड़ा भी कहा जाता है. स्पीति घाटी में कई परिवार इन घोड़े के पालन पोषण से ही अपनी आजीविका कमाते हैं. कई साल पहले तिब्बत, चीन, कुल्लू और लाहौल स्पीति में स्थानीय लोग व्यापार और आने-जाने के लिए इन चामूर्ति घोडों का इस्तेमाल करते थे. ये घोड़े बर्फ, घाटियों, ढलानों में तेज गति से दौड़ सकते हैं, इसलिए इन्हें पहाड़ का जहाज भी कहा जाता है.

वहीं, पिन वैली से आए अश्व पालक रामलाल ने बताया कि चामूर्ती घोड़े को नरम घास और इनकी चमक के लिए जौ खिलाया जाता है. इसे फुर्तीला बनाने के लिए उसका विशेष ख्याल रखा जाता है. बता दें कि 1984 से लगातार हर साल नवंबर के पहले हफ्ते में प्रदर्शनी का आयोजन पशुपालन विभाग करता है.

वीडियो

ये भी पढ़ें: BJP सांसद वीरेंद्र कश्यपे कांग्रेसा पर बोल्या हमला, हिमाचला रे विकास च रोड़ा बनी दी कांग्रेस

रामपुर: राजधानी शिमला के रामपुर में हर साल होने वाली अश्व प्रदर्शनी सोमवार से शुरू हो चुकी है. प्रदर्शनी में पिन वैली से लाए गए चामूर्ति घोड़े आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे. इन घोड़ों को पहाड़ा का जहाज भी कहा जाता है.

चामूर्ति घोड़ा रामपुर लवी मेले का विशेष आकर्षण है. प्रदर्शनी में सबसे महंगा घोड़ा 47 हजार रुपये में बिका. रामपुर में होने वाली इस अश्व प्रदर्शनी में दूर-दूर से व्यापारी पहुंचते हैं. पिन वैली से चामूर्ति घोड़े लेकर व्यापारी रामलाल ने कहा कि वह अपने साथ जितने भी घोड़े लाया था सब बिक चुके हैं.

बता दें कि यह अश्व प्रदर्शनी 4 से 6 नवंबर तक चलेगी. 6 नवंबर को घोड़ों के बीच कई प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. गुब्बार फोड़, घुड़दौड़ प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण रहेंगी. इस प्रदर्शनी में पशु पालन विभाग अश्व पालकों को घोड़ों के रखरखाव और उनके पालन संबंधी कई प्रकार की जानकारियां भी देगा.

बता दें कि चामूर्ति घोड़ों को स्पीति घोड़ा भी कहा जाता है. स्पीति घाटी में कई परिवार इन घोड़े के पालन पोषण से ही अपनी आजीविका कमाते हैं. कई साल पहले तिब्बत, चीन, कुल्लू और लाहौल स्पीति में स्थानीय लोग व्यापार और आने-जाने के लिए इन चामूर्ति घोडों का इस्तेमाल करते थे. ये घोड़े बर्फ, घाटियों, ढलानों में तेज गति से दौड़ सकते हैं, इसलिए इन्हें पहाड़ का जहाज भी कहा जाता है.

वहीं, पिन वैली से आए अश्व पालक रामलाल ने बताया कि चामूर्ती घोड़े को नरम घास और इनकी चमक के लिए जौ खिलाया जाता है. इसे फुर्तीला बनाने के लिए उसका विशेष ख्याल रखा जाता है. बता दें कि 1984 से लगातार हर साल नवंबर के पहले हफ्ते में प्रदर्शनी का आयोजन पशुपालन विभाग करता है.

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Intro:रामपुर बुशहर 4 नवंबर


Body:हिमाचल प्रदेश के रामपुर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अश्व प्रदर्शनी का शुभारंभ हो चुका है।
जिसमें अतिथि के पिन वैली से लाएंगे चरमूर्ति घोड़े प्रदर्शनी में आकर्षण का मुख्य केंद्र है।इन घरों की खरीदारी के लिए व्यापारी दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। जिसमें सोमवार को सबसे महेगा 47 हजार रुपये तक व्यापारियों द्वारा लिया गया । जानकारी देते हुए पिन वैली से आए असोलेकर रामलाल ने बताया कि उन्होंने जितने भी घोड़े लाए थे वे एक दिन में ही बिक चुकी है।
गौरव की यह प्रदर्शनी 4 से 6 नवंबर तक चलेगी। 6 नवंबर को अश्व की कई प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी । जिसमें गुब्बारा फोड़ो, अश्व रेस मुख्य रहेगी । इस प्रदर्शनी में अश्व पालको को कई प्रकार की जानकारियां दी जाएगी अश्व के रखरखाव और उनकी देखभाल के बारे में पशुपालन विभाग के चिकित्सा अधिकारियों द्वारा विभिन्न जानकारियां दी जाएगी।
इस दौरान पीन वैली से आए अश्व पालक रामलाल ने बताया कि अन्य घोड़े की अपेक्षा चामुरती घोड़ा अपने आप में एक अलग पहचान रखता है।





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