रामपुर: राजधानी शिमला के रामपुर में हर साल होने वाली अश्व प्रदर्शनी सोमवार से शुरू हो चुकी है. प्रदर्शनी में पिन वैली से लाए गए चामूर्ति घोड़े आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे. इन घोड़ों को पहाड़ा का जहाज भी कहा जाता है.
चामूर्ति घोड़ा रामपुर लवी मेले का विशेष आकर्षण है. प्रदर्शनी में सबसे महंगा घोड़ा 47 हजार रुपये में बिका. रामपुर में होने वाली इस अश्व प्रदर्शनी में दूर-दूर से व्यापारी पहुंचते हैं. पिन वैली से चामूर्ति घोड़े लेकर व्यापारी रामलाल ने कहा कि वह अपने साथ जितने भी घोड़े लाया था सब बिक चुके हैं.
बता दें कि यह अश्व प्रदर्शनी 4 से 6 नवंबर तक चलेगी. 6 नवंबर को घोड़ों के बीच कई प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. गुब्बार फोड़, घुड़दौड़ प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण रहेंगी. इस प्रदर्शनी में पशु पालन विभाग अश्व पालकों को घोड़ों के रखरखाव और उनके पालन संबंधी कई प्रकार की जानकारियां भी देगा.
बता दें कि चामूर्ति घोड़ों को स्पीति घोड़ा भी कहा जाता है. स्पीति घाटी में कई परिवार इन घोड़े के पालन पोषण से ही अपनी आजीविका कमाते हैं. कई साल पहले तिब्बत, चीन, कुल्लू और लाहौल स्पीति में स्थानीय लोग व्यापार और आने-जाने के लिए इन चामूर्ति घोडों का इस्तेमाल करते थे. ये घोड़े बर्फ, घाटियों, ढलानों में तेज गति से दौड़ सकते हैं, इसलिए इन्हें पहाड़ का जहाज भी कहा जाता है.
वहीं, पिन वैली से आए अश्व पालक रामलाल ने बताया कि चामूर्ती घोड़े को नरम घास और इनकी चमक के लिए जौ खिलाया जाता है. इसे फुर्तीला बनाने के लिए उसका विशेष ख्याल रखा जाता है. बता दें कि 1984 से लगातार हर साल नवंबर के पहले हफ्ते में प्रदर्शनी का आयोजन पशुपालन विभाग करता है.