ETV Bharat / state

Exclusive: अगले सेब सीजन में प्रयोग नहीं होगा टेलीस्कोपिक कार्टन, अब यूनिवर्सल कार्टन से रुकेगी बागवानों से लूट

बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने ईटीवी से बातचीत के दौरान बताया कि टेलीस्कोपिक कार्टन में सेब पैकिंग से बागवान ठगे जाते थे. जिस पेटी में 20 किलो सेब आना चाहिए, उसमें 28 से 34 किलो सेब भरा जाता था. इससे बागवानों को अधिकतम 14 किलो सेब की कीमत का नुकसान होता था.

डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Aug 21, 2019, 9:28 PM IST

Updated : Aug 21, 2019, 10:22 PM IST

शिमला: फल राज्य हिमाचल प्रदेश में अगले सेब सीजन से पैकिंग के लिए टेलीस्कोपिक कार्टन का प्रयोग नहीं होगा. सरकार बागवानों और अन्य स्टेक होल्डर्स से चर्चा के बाद ऐसा इंतजाम करने जा रही है, जिससे अगले सेब सीजन तक पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन का प्रयोग होगा. इससे बागवानों से हो रही लूट पर लगाम लगेगी.

बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने ईटीवी से बातचीत के दौरान बताया कि टेलीस्कोपिक कार्टन में सेब पैकिंग से बागवान ठगे जाते थे. जिस पेटी में 20 किलो सेब आना चाहिए, उसमें 28 से 34 किलो सेब भरा जाता था. इससे बागवानों को अधिकतम 14 किलो सेब की कीमत का नुकसान होता था. यूनिवर्सल कार्टन में सिर्फ और सिर्फ 20 किलो पैकिंग की ही व्यवस्था है. यूनिवर्सल कार्टन से न तो 20 किलो से कम और न ही इससे अधिक पैकिंग होगी.

Exclusive interview

बागवानी मंत्री ने बताया कि अगले सेब सीजन से पहले सरकार बागवानों, कार्टन निर्माताओं व अन्य स्टेक होल्डर्स से चर्चा कर ये सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि सेब की पैकिंग यूनिवर्सल कार्टन में ही हो. इसके अलावा मंत्री ने ये भी कहा कि सब-ट्रॉपिकल रीजन में पैदा किए जाने वाले फलों को लेकर सरकार ने करोड़ों रुपए की योजनाओं के लिए फंडिंग जुटाई है. एचपी शिवा योजना से सब-ट्रॅपिकल फलों वाले इलाकों का कायाकल्प होगा.

ये भी पढ़ें- यहां बारिश के चौथे दिन बाद भी पटरी पर नहीं लौटी जिंदगी, ये सड़कें अभी भी बंद

शिमला: फल राज्य हिमाचल प्रदेश में अगले सेब सीजन से पैकिंग के लिए टेलीस्कोपिक कार्टन का प्रयोग नहीं होगा. सरकार बागवानों और अन्य स्टेक होल्डर्स से चर्चा के बाद ऐसा इंतजाम करने जा रही है, जिससे अगले सेब सीजन तक पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन का प्रयोग होगा. इससे बागवानों से हो रही लूट पर लगाम लगेगी.

बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने ईटीवी से बातचीत के दौरान बताया कि टेलीस्कोपिक कार्टन में सेब पैकिंग से बागवान ठगे जाते थे. जिस पेटी में 20 किलो सेब आना चाहिए, उसमें 28 से 34 किलो सेब भरा जाता था. इससे बागवानों को अधिकतम 14 किलो सेब की कीमत का नुकसान होता था. यूनिवर्सल कार्टन में सिर्फ और सिर्फ 20 किलो पैकिंग की ही व्यवस्था है. यूनिवर्सल कार्टन से न तो 20 किलो से कम और न ही इससे अधिक पैकिंग होगी.

Exclusive interview

बागवानी मंत्री ने बताया कि अगले सेब सीजन से पहले सरकार बागवानों, कार्टन निर्माताओं व अन्य स्टेक होल्डर्स से चर्चा कर ये सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि सेब की पैकिंग यूनिवर्सल कार्टन में ही हो. इसके अलावा मंत्री ने ये भी कहा कि सब-ट्रॉपिकल रीजन में पैदा किए जाने वाले फलों को लेकर सरकार ने करोड़ों रुपए की योजनाओं के लिए फंडिंग जुटाई है. एचपी शिवा योजना से सब-ट्रॅपिकल फलों वाले इलाकों का कायाकल्प होगा.

ये भी पढ़ें- यहां बारिश के चौथे दिन बाद भी पटरी पर नहीं लौटी जिंदगी, ये सड़कें अभी भी बंद

Last Updated : Aug 21, 2019, 10:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.