शिमला: वैश्विक महामारी कोविड-19 के इस संकटपूर्ण समय में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान का सिलसिला फिर से शुरू हुआ है. गुरुवार को आबकारी और कराधान विभाग ने रिलीफ फंड में 11 लाख, 11 हजार, 111 रुपए का अंशदान किया.
बेटियों ने अपने गुल्लक से दिए 21 हजार रुपए
आबकारी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी शर्मा ने इस राशि का चेक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपा. इसके अलावा बद्दी की कंपनी पायनियर इम्पैक्स की तरफ से सौरभ गुप्ता, अमित शर्मा और अमन गुप्ता ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक लाख रुपए का अंशदान किया. कंपनी की तरफ से एक लाख सेफशील्ड सर्जिकल मास्क भी राज्य सरकार को दिए गए.
वहीं हिमाचल प्रदेश टीचर्स कन्फेडरेशन के राज्य उपाध्यक्ष डॉक्टर मामराज पुंडीर ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 हजार का चेक दिया. बड़ी बात यह है कि 21 हजार रुपए मामराज पुंडीर की बेटियों ने अपनी गुल्लक में से अंशदान के तौर पर दिए. तन्वी और सरीजा ने अपनी गुल्लक में जोड़े गए पैसों में से 21 हजार रुपए जरूरतमंदों की मदद को दिए.
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश के सभी विधायकों ने अपने एक महीने की सैलरी अंशदान के तौर पर जमा करने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री पहले ही एक महीने का वेतन देने के लिए कह चुके हैं. कोविड फंड और सीएम रिलीफ फंड अलग-अलग हैं. सीएम रिलीफ फंड से गरीबों के इलाज, साधनहीन परिवारों की बेटियों की शादी और अन्य मदद दी जाती है. वहीं कोविड फंड में आई रकम कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रयोग की जाती हैं.
अब तक जमा हुई 85.30 करोड़ रुपए की राशि
हिमाचल प्रदेश में कोविड फंड में अब तक 85.30 करोड़ रुपए की रकम जुटी है. इसमें से विभिन्न विभागों को 66 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. कोविड फंड में हिमाचल के मंदिरों में भी 15 करोड़ रुपए से अधिक का अंशदान दिया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश की जनता से भी उदारता से अंशदान की अपील की है. सीएम रिलीफ फंड में विभिन्न विभाग, उद्योग, स्वयंसेवी संस्थाएं और आम जनता भी अंशदान करती है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जब 2017 दिसंबर में सत्ता संभाली थी तो उस समय फंड में 97 लाख रुपए थे. बाद में तेजी से अंशदान हुआ. आम जनता की भागीदारी की बात करें तो एक श्रमिक ने चालीस रुपए भेंट किए थे. सीएम, कैबिनेट मंत्री और विधायक भी समय-समय पर अंशदान करते हैं. बच्चों ने भी अपनी पॉकेट मनी से पैसे दिए हैं. कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद एक बार फिर से राज्य सरकार ने अंशदान के लिए अपील की है.
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