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कर्फ्यू में ढील के बावजूद शिमला में नहीं मिल रही आवश्यक वस्तुएं, प्रशासन के दावे झूठे!

शिमला में भले ही प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील देने का निर्णय लिया है, लेकिन आम जनता को सब्जियों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में प्रशासन के आम लोगों से वादे और दावे झूठे साबित हो रहे हैं.

Essential items cannot be found in Shimla during curfew
कर्फ्यू में ढील के बाद भी शिमला में नहीं मिल रही आवश्यक वस्तुएं
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Published : Mar 27, 2020, 2:26 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में जनता की समस्यायों को देखते हुए प्रशासन ने एक बार फिर लॉकडाउन में ढील देने का निर्णय लिया है. करीब 6 घंटे की ढील में लोगों को सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए जरुरी और आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करने के लिए ढील देने का निर्णय लिया गया है, लेकिन प्रशासन द्वारा दी गई ढील के दौरान शहरवासियों को पर्याप्त फल, सब्जी, दूध नहीं मिल पाया है.

सब्जियों की किल्लत के चलते प्रशासन द्वारा किए जा रहे आवश्यक वस्तुओं के दावों की पोल खुलती दिखाई दे रही है. इसके अलावा जो सब्जियां और सब्जी विक्रेताओं के पास पुराने पढ़ें हैं उन्हें भी महंगे दामों पर बेच कर जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है. लोगों का कहना है प्रशासन ने लॉकडाउन में भले ही छूट दी है, लेकिन शहर के उपनगरों में लोगों को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुएं नहीं मिल पा रही है. जिसके चलते लोगों को खाली हाथ ही घर लौटना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि लोगों को लॉकडाउन के दौरान दी जाने वाली छूट की पहले एनाउंसमेंट की जाए साथ ही शहर के उपनगरों की दुकानों में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाए साथ ही सभी दुकानदारों को रेट लिस्ट लगाने निर्देश दिए जाएं ताकि इस संकट की घड़ी में लोगों की जेब पर आर्थिक बोझ न पड़े.

छोटा शिमला में कुछेक दुकानदारों ने लोगों को सस्ते दामों पर सब्जियां वितरित की है. दुकानदार मोहम्मद कुरैशी का कहना है कि कोरोना वायरस संकट के समय जरूरी वस्तुओं के दामों में पांच से दस रुपये की रियायत दी जानी चाहिए ताकि आम लोगों तक खाने पीने की चीजें पर्याप्त मात्रा में पहुंच सके.

ये भी पढ़ें: कोरोना वायरस: मनाही के बावजूद मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंचे लोग, पुलिस ने लौटाया

शिमला: राजधानी शिमला में जनता की समस्यायों को देखते हुए प्रशासन ने एक बार फिर लॉकडाउन में ढील देने का निर्णय लिया है. करीब 6 घंटे की ढील में लोगों को सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए जरुरी और आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करने के लिए ढील देने का निर्णय लिया गया है, लेकिन प्रशासन द्वारा दी गई ढील के दौरान शहरवासियों को पर्याप्त फल, सब्जी, दूध नहीं मिल पाया है.

सब्जियों की किल्लत के चलते प्रशासन द्वारा किए जा रहे आवश्यक वस्तुओं के दावों की पोल खुलती दिखाई दे रही है. इसके अलावा जो सब्जियां और सब्जी विक्रेताओं के पास पुराने पढ़ें हैं उन्हें भी महंगे दामों पर बेच कर जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है. लोगों का कहना है प्रशासन ने लॉकडाउन में भले ही छूट दी है, लेकिन शहर के उपनगरों में लोगों को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुएं नहीं मिल पा रही है. जिसके चलते लोगों को खाली हाथ ही घर लौटना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि लोगों को लॉकडाउन के दौरान दी जाने वाली छूट की पहले एनाउंसमेंट की जाए साथ ही शहर के उपनगरों की दुकानों में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाए साथ ही सभी दुकानदारों को रेट लिस्ट लगाने निर्देश दिए जाएं ताकि इस संकट की घड़ी में लोगों की जेब पर आर्थिक बोझ न पड़े.

छोटा शिमला में कुछेक दुकानदारों ने लोगों को सस्ते दामों पर सब्जियां वितरित की है. दुकानदार मोहम्मद कुरैशी का कहना है कि कोरोना वायरस संकट के समय जरूरी वस्तुओं के दामों में पांच से दस रुपये की रियायत दी जानी चाहिए ताकि आम लोगों तक खाने पीने की चीजें पर्याप्त मात्रा में पहुंच सके.

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