शिमला: कोरोना काल में चलाई जा रही इलेक्ट्रिक बसें हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम के लिए वरदान साबित हो रही हैं. मेंटेनेंस का खर्च कम है और हररोज आमदनी हजारों में. यही नहीं सफर के मामले में भी ये इलेक्ट्रिक बसें किसी लग्जरी बस से कम नहीं है. लोकल रूट पर आरामदायक सफर और साधारण किराए वाली ये इलेक्ट्रिक बसें लोगों को भी खूब भा रही हैं.
शिमला में इलेक्ट्रिक 50 बस चलती हैं. इलेक्क्ट्रिक बस का एक दिन का खर्चा 1000 रुपये आता है, जबकि बस की एक दिन की कमाई 5000 रुपये है. जिनका मेंटेनेंस के खर्च बाकी डीजल बसों की तुलना में बहुत कम है. मान लें कि डीजल बस का खर्चा 20 रुपये प्रतिकिमी है, तो इलेक्ट्रिक बस का खर्चा 5 रुपये प्रतिकीमी है. ऐसे में इलेक्ट्रिक बस एचआरटीसी के लिए कमाई का अच्छा साधन बन रहा है.
आधा घंटे में चार्ज होने पर 150 किलोमिटर का सफर तय
इलेक्ट्रिक बस को चार्ज करने के दो तरह के चार्जर हैं. एक 60 केवी का जिससे दो घंटे चार्ज होने में लगता हैं, जनकी इन अन्य चार्जर 120 केवी का है, जिससे आधे घंटे में चार्ज हो जाती है और 150 किलोमीटर तक यह बसें चलती हैं. यह बस शोर नहीं करती, धुंआ रहित है, सीट आराम दायक है. इस बस की खासियत है कि यह छोटी है और
वॉल्वो बस की तरह ही कमाई कर रही हैं इलेक्ट्रिक बसें
हिमाचल के 19 फरवरी 2019 को इलेक्ट्रिक बस लॉन्च की गई थी. शिमला में 50 इलेक्ट्रिक बस चल रही हैं. लॉकडाउन के दौर को मिलाकर दो सालों में चार करोड़ से अधिक आमदनी अकेले इन इलकेट्रिक बसों से हुई है.शिमला के तीखे मोड़ पर आसानी से मुड जाती हैं.
इस संबंध में एचआरटीसी शिमला के आरएम देवा सेन नेगी ने बताया कि इलेक्ट्रिक बस से अच्छी कमाई परिवहन निगम को हो रही है.लॉकडाउन के दौरान बसें नहीं चली. बावजूद उसके बाद 50 फीसदी सीटों की क्षमता के नियम के साथ ही चली और अब 100 फीसदी सवारी पर चल रही हैं. जिससे अच्छा मुनाफा निगम को हो रहा है. आने वाले दिनों में जैसे स्कूल कॉलेज खुलेंगे, तो इससे अधिक लाभ परिवहन निगम को मिलेगा.