शिमला: हिमाचल में फर्जी वोटरों को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार नई पहल शुरू की है. चुनाव आयोग ने इस बार चार विधानसभा क्षेत्रों में क्यूआर कोड वाली वोटर स्लिप मतदाताओं को जारी की है, जिनको मतदान केंद्रों पर पहले स्कैन किया जाएगा. उसके बाद ही मतदाता वोट डाल सकेंगे. अगर यह ट्रायल सफल रहा है तो चुनाव आयोग आने वाले चुनावों में इसका विस्तार करेगा. इससे वोटिंग के रियल टाइम को भी मानिटरिंग किया जाएगा. (Voter slips will be scanned at polling stations).
हिमचाल में पहली बार क्यूआर कोड के जरिए मतदाताओं की वेरिफिकेशन की जा रही है. चुनाव आयोग ने प्रदेश के कांगड़ा, शिमला, मंडी और हमीरपुर में एक-एक विधानसभा क्षेत्र में क्यूआर कोड वाली वोटर लिस्टें जारी की हैं. शिमला जिले के शहरी विधानसभा क्षेत्र, मंडी जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र, हमीरपुर जिले के हमीरपुर, कांगड़ा जिले के धर्मशाला क्षेत्र में क्यूआर कोड वोटर स्लिप का इस्तेमाल किया जाएगा. मतदाता जब अपनी वोटर स्लिप पोलिंग बूथ पर ले जाएगा तो वहां पर उसकी स्लिप की पोलिंग आफिसर मोबाइल में इंस्टाल एप के जरिए स्कैन करेगा. ऐसा करते ही मतदाता की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी.(Himachal election 2022).
इसके बाद पोलिंग बूथ पर तैनात कर्मचारी उस वोटर की उपस्थिति मार्क कर लेगा और उसका मतदान ईवीएम में रिकार्ड हो जाएगा. मतदाता की यह पूरी जानकारी चुनाव आयोग तक सीधे पहुंच जाएगी. इससे बूथ पर होने वाली रियल टाइमिंग वोटिंग का भी पता चल पाएगा. अगर मोबाइल पर इंटरनेट नहीं है तो भी इस एप से काम किया जा सकेगा. चुनाव अधिकारियों की मानें तो इससे वोटर की पहचान करने के साथ ही पल-पल होने वाली वोटों की जानकारी भी मिलेगी.(Himachal voting 2022).
ये भी पढे़ं: हिमाचल की सभी 68 सीटों पर मतदान कल, 412 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद करेंगे 55 लाख से ज्यादा मतदाता