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शिक्षा मंत्री ने अस्थाई शिक्षकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत - himachal News

अस्थाई शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने का शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे लंबे समय से चली आ रही पीटीए शिक्षकों की मांग पूरी हुई है. भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बेहतरीन वकील दिए जिसके कारण पीटीए-पैट-पैरा अध्यापकों का पक्ष सही तरीके से सुप्रीम कोर्ट में रखा जा सका.

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Published : Apr 17, 2020, 11:01 PM IST

शिमला: करीब 15,000 अस्थाई शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने का शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे लंबे समय से चली आ रही पीटीए शिक्षकों की मांग पूरी हुई है.

शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बेहतरीन वकील दिए जिसके कारण पीटीए-पैट-पैरा अध्यापकों का पक्ष सही तरीके से सुप्रीम कोर्ट में रखा जा सका.

सुरेश भारद्वाज ने कहा की प्रदेश सरकार पहले ही नियमित अध्यापकों के बराबर स्केल इन अध्यापकों को दे रही है. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से स्कूलों में चली आ रही अध्यापकों की कमी भी दूर होगी.

भारद्वाज ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते इन्हें नियमित नहीं किया जा सका था, अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पूरी जानकारी मिलते ही सरकार नियमितीकरण पर विचार करेगी.

दरअसल 2010 में विभिन्न न्यायालयों में यह मामला विचाराधीन होने से शिक्षकों का भविष्य अधर में था. अब फैसला हक में आने से इनके नियमित होने की आस जग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2014 को अस्थाई शिक्षकों के हक में दिए हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.

ये भी पढ़ेंः बिलासपुर में ट्रकों से नहीं उतर रहा सामान, चालकों के सामने रोटी का संकट

शिमला: करीब 15,000 अस्थाई शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने का शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे लंबे समय से चली आ रही पीटीए शिक्षकों की मांग पूरी हुई है.

शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बेहतरीन वकील दिए जिसके कारण पीटीए-पैट-पैरा अध्यापकों का पक्ष सही तरीके से सुप्रीम कोर्ट में रखा जा सका.

सुरेश भारद्वाज ने कहा की प्रदेश सरकार पहले ही नियमित अध्यापकों के बराबर स्केल इन अध्यापकों को दे रही है. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से स्कूलों में चली आ रही अध्यापकों की कमी भी दूर होगी.

भारद्वाज ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते इन्हें नियमित नहीं किया जा सका था, अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पूरी जानकारी मिलते ही सरकार नियमितीकरण पर विचार करेगी.

दरअसल 2010 में विभिन्न न्यायालयों में यह मामला विचाराधीन होने से शिक्षकों का भविष्य अधर में था. अब फैसला हक में आने से इनके नियमित होने की आस जग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2014 को अस्थाई शिक्षकों के हक में दिए हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.

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