शिमला: शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में आज प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विश्व बैंक के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई.
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करने और शैक्षणिक संस्थानों की इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है. वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की हैं. आज हिमाचल प्रदेश देश में शिक्षा हब के रूप में उभर रहा है.
विश्व बैंक ने सदैव प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और सरकार आशा करती है कि भविष्य में भी विश्व बैंक की सहायता से शिक्षा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने इस उद्देश्य के लिए शिक्षा विभाग में एक टीम गठित करने के निर्देश दिए, जो परियोजना प्रस्ताव तैयार करेगी और विश्व बैंक से समन्वय स्थापित करेगी.
राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डाॅ. सुनील कुमार गुप्ता ने बैठक के दौरान विश्व बैंक के प्रतिनिधियों को हिमाचल प्रदेश की विशेष परिस्थितियों और आवश्यकताओं से परिचित करवाया. उन्होंने प्रदेश में पहले से स्थापित काॅलेजों के लिए गुणात्मक शिक्षा और नए काॅलेजों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के सुदृढ़ीकरण पर विशेष बल देने को कहा.
अमेरिका के न्यूयाॅर्क से इस बैठक में भाग ले रहे विश्व बैंक के प्रतिनिधि कर्ट लारसन ने बताया कि विश्व बैंक की ओर से विभिन्न घटकों के लिए परियोजनाएं स्वीकृत की जाती हैं. परियोजनाओं की रूपरेखा और स्वीकृति मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से दी जाती है. परियोजना प्रस्ताव राज्य की परिस्थितियों, आवश्यकताओं तथा मांगों के आधार पर तैयार होना चाहिए.
इस अवसर पर सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, विशेष सचिव राखी काहलों, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा, राज्य परियोजना अधिकारी रूसा डाॅ. बलवीर पटियाल और नई दिल्ली से विश्व बैंक की प्रतिनिधि संगीता डे भी उपस्थित थीं.
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