शिमला: प्रदेश के कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को छठे समेस्टर की परीक्षाएं देनी ही होंगी. सरकार का यही प्रयास है कि अंतिम समेस्टर के छात्रों की परीक्षाओं को जल्द से जल्द करवाया जाए, लेकिन प्रदेश के कॉलेजों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है.
यही वजह भी है कि 16 जुलाई से इन परीक्षाओं को करवाने को लेकर एचपीयू की ओर से जो शेड्यूल तय किया गया था उसे भी रद्द कर दिया गया है. प्रदेश शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जैसे ही कॉलेजों से यह क्वारंटाइन सेंटर हटा दिए जाएंगे उसके बाद यूजी के अंतिम छठे समेस्टर की परीक्षाएं करवाई जाएंगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम चाह रहे हैं कि यूजी के अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएं करवाई जाएं. इन परीक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा और जरूरत पड़ने पर स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाएंगे. जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालना की जा सके.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार से यह मांग की गई है कि जिन कॉलेजों में संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए है, उन्हें खाली करवाया जाए. यह हमारी प्राथमिकता है कि सबसे पहले छठे समेस्टर की परीक्षाएं करवाई जाए.
प्रदेश के कॉलेजों में छठे सेमेस्टर की परीक्षाओं के अलावा यूजी के पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाओं को करवाने को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है. शिक्षा मंत्री ने कहा की पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाओं को करवाया जाना है या नहीं इसे लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है.
इन परीक्षाओं को लेकर यूजीसी की गाइडलाइंस का भी इंतजार है, हालांकि यूजीसी जो फैसला लेगी उसे मानना भी अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर यूजीसी के सुझाव सही हुए तो उसी के अनुसार फैसला लिया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जब स्कूल और कॉलेज खोलने को लेकर विचार किया जाएगा, तो उसी के बाद ही पहले और दूसरे वर्ष की यूजी परीक्षाओं को लेकर भी कोई फैसला लिया जा सकता है, लेकिन अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएं हो यही सरकार चाह रही है.
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